सारस न्यूज, अररिया।
अररिया के हृदय स्थल बाबाजी कुटिया स्थित हनुमान मंदिर में चल रहे महाअष्टयाम संकीर्तन से पूरे अररिया शहर का वातावरण भक्तिमय हो गया है। यह आयोजन रविवार को संपन्न होगा। यह महाअष्टयाम माँ खड्गेश्वरी के साधक नानु बाबा की अध्यक्षता में किया जा रहा है। नानु बाबा को देखकर चैतन्य महाप्रभु की याद ताजा हो जाती है। भक्तों को बाबाजी कुटिया में स्वर्गिक आनंद की अनुभूति होती है। इस कारण अधिक से अधिक समय भक्तगण महाअष्टयाम में बिता रहे हैं। वहीं मंदिर व आस-पास के क्षेत्रों को सुंदर और आकर्षक रूप से सजाया गया है। बाबाजी कुटिया में संध्या काल में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है।
कीर्तन मंडलियाँ अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी लेकर आती हैं और उनका मनमोहक नृत्य वातावरण को और भी आकर्षक और भक्तिमय बना देता है। खासकर संध्या काल में कीर्तन मंडली में शामिल विभिन्न देवी-देवताओं, भूत-प्रेत और पवनसुत के वेश में बाल नर्तकों की गतिविधियाँ महाअष्टयाम में चार चाँद लगा देती हैं। उनके नृत्य पर श्रोता और दर्शक भाव-विभोर होकर झूम उठते हैं।
नानु बाबा के शिष्य हेमंत कुमार हीरा ने बताया कि चैतन्य महाप्रभु वैष्णव धर्म के प्रचारक, भक्तिकाल के महान संत और प्रमुख कवियों में से एक थे। चैतन्य प्रभु ने ही वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी थी। जात-पात की जंजीर तोड़ने और समस्त मानव जाति को एक सूत्र में पिरोने के लिए उन्होंने हरिनाम संकीर्तन आंदोलन की शुरुआत की। विलुप्त होते वृंदावन को फिर से बसाने में भी चैतन्य महाप्रभु का अहम योगदान रहा है।
ठीक उसी प्रकार नानु बाबा सभी धर्मों के लिए मिसाल हैं और उन्हें देखकर चैतन्य महाप्रभु की याद आ जाती है।
