जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 26 पर्यटकों की याद में शनिवार संध्या जिला मुख्यालय में कैंडल मार्च निकाला गया और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान उपस्थित समाजसेवी मो. इम्तियाज अनीश उर्फ लड्डू समेत अन्य लोगों ने हमले को लेकर कड़ा आक्रोश जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह की नाकामी के कारण यह आतंकी हमला संभव हो सका। उन्होंने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया, जो 2014 से लगातार देश में अलग-अलग रूपों में दोहराया जा रहा है।
समाजसेवियों ने सवाल उठाया कि जब इतनी भारी संख्या में पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचते हैं, तो घटना स्थल पर पुलिस प्रशासन और सेना की तैनाती क्यों नहीं थी? जबकि जम्मू-कश्मीर हमेशा आतंकवादियों के निशाने पर रहता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पुलवामा जैसी घटनाएं षड्यंत्र का हिस्सा रही हैं, जहां हमारे वीर सैनिक बम विस्फोट में शहीद हुए थे। वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार सतर्क रहती, तो ऐसी दर्दनाक घटना रोकी जा सकती थी। खुफिया एजेंसियों द्वारा पूर्व में चेतावनी भी दी गई थी, इसके बावजूद सुरक्षा में भारी चूक देखने को मिली।
कार्यक्रम में मो. दाऊद, धीरज किंग, मो. तबरेज आलम, नासिर, राशिद आलम, मो. खुर्शीद सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे और उन्होंने शहीद पर्यटकों को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
सारस न्यूज़, अररिया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 26 पर्यटकों की याद में शनिवार संध्या जिला मुख्यालय में कैंडल मार्च निकाला गया और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान उपस्थित समाजसेवी मो. इम्तियाज अनीश उर्फ लड्डू समेत अन्य लोगों ने हमले को लेकर कड़ा आक्रोश जताया। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह की नाकामी के कारण यह आतंकी हमला संभव हो सका। उन्होंने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताया, जो 2014 से लगातार देश में अलग-अलग रूपों में दोहराया जा रहा है।
समाजसेवियों ने सवाल उठाया कि जब इतनी भारी संख्या में पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचते हैं, तो घटना स्थल पर पुलिस प्रशासन और सेना की तैनाती क्यों नहीं थी? जबकि जम्मू-कश्मीर हमेशा आतंकवादियों के निशाने पर रहता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पुलवामा जैसी घटनाएं षड्यंत्र का हिस्सा रही हैं, जहां हमारे वीर सैनिक बम विस्फोट में शहीद हुए थे। वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार सतर्क रहती, तो ऐसी दर्दनाक घटना रोकी जा सकती थी। खुफिया एजेंसियों द्वारा पूर्व में चेतावनी भी दी गई थी, इसके बावजूद सुरक्षा में भारी चूक देखने को मिली।
कार्यक्रम में मो. दाऊद, धीरज किंग, मो. तबरेज आलम, नासिर, राशिद आलम, मो. खुर्शीद सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे और उन्होंने शहीद पर्यटकों को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
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