सिवान की धरती ने समय-समय पर देश को ऐसी विभूतियाँ दी हैं जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से जिले का मान बढ़ाया है। इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव निवासी एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने एक और इतिहास रच दिया है। उन्हें भारतीय वायुसेना का नया वाइस चीफ नियुक्त किया गया है।
पहलगाम हमले के बाद इस नियुक्ति को माना जा रहा है बेहद अहम
ऐसे समय में जब देश पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के कारण सतर्क अवस्था में है, यह नियुक्ति सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वायुसेना में इस बदलाव को भारत की सैन्य तैयारियों को और मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एयर मार्शल धारकर की जगह संभालेंगे पदभार
एयर मार्शल तिवारी ने 1 मई 2025 को एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर का स्थान लिया, जो 40 वर्षों की सेवा के उपरांत 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हुए।
शानदार शैक्षणिक और सैन्य पृष्ठभूमि
एयर मार्शल तिवारी ने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वे नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक जीतकर अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण दिया।
37 वर्षों से अधिक का समर्पित सैन्य करियर
भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में सेवा आरंभ करने वाले तिवारी को 3,600 घंटे से अधिक के उड़ान अनुभव प्राप्त हैं। वे एक प्रशिक्षित परीक्षण पायलट हैं और मिराज 2000 पर उन्हें व्यापक हथियार परीक्षण का अनुभव है।
उन्होंने तेजस विमान की परीक्षण उड़ानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नंबर 1 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में भी सेवाएं दीं। ग्रुप कैप्टन के रूप में उन्होंने एएसटीई में मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में कार्य किया।
कई उच्च पदों पर किया नेतृत्व
फ्रांस में भारतीय दूतावास में एयर अताशे से लेकर जोधपुर सेक्टर में 32 विंग के एयर ऑफिसर कमांडिंग तक, एयर कमोडोर से लेकर एयर वाइस मार्शल तक की जिम्मेदारियाँ वे बखूबी निभा चुके हैं। राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, बेंगलुरु में वे परियोजना निदेशक भी रहे।
1 मई 2023 को उन्होंने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था।
सम्मानों की सूची भी गौरवशाली
उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें वर्ष 2008 में वायुसेना पदक, 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2025 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
परिवारिक पृष्ठभूमि
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी के पिता का नाम श्री चंद्रमौली प्रसाद है। सिवान के वरिष्ठ अधिवक्ता इष्ट देव तिवारी उनके चचेरे भाई हैं।
पूरा जिला गौरवान्वित
एयर मार्शल तिवारी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सिवान जिला गर्व से सराबोर है। यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह दिखाती है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर भी कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पदों तक पहुंच सकता है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
सिवान की धरती ने समय-समय पर देश को ऐसी विभूतियाँ दी हैं जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से जिले का मान बढ़ाया है। इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव निवासी एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने एक और इतिहास रच दिया है। उन्हें भारतीय वायुसेना का नया वाइस चीफ नियुक्त किया गया है।
पहलगाम हमले के बाद इस नियुक्ति को माना जा रहा है बेहद अहम
ऐसे समय में जब देश पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के कारण सतर्क अवस्था में है, यह नियुक्ति सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वायुसेना में इस बदलाव को भारत की सैन्य तैयारियों को और मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
एयर मार्शल धारकर की जगह संभालेंगे पदभार
एयर मार्शल तिवारी ने 1 मई 2025 को एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर का स्थान लिया, जो 40 वर्षों की सेवा के उपरांत 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हुए।
शानदार शैक्षणिक और सैन्य पृष्ठभूमि
एयर मार्शल तिवारी ने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वे नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने राष्ट्रपति स्वर्ण पदक जीतकर अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण दिया।
37 वर्षों से अधिक का समर्पित सैन्य करियर
भारतीय वायुसेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में सेवा आरंभ करने वाले तिवारी को 3,600 घंटे से अधिक के उड़ान अनुभव प्राप्त हैं। वे एक प्रशिक्षित परीक्षण पायलट हैं और मिराज 2000 पर उन्हें व्यापक हथियार परीक्षण का अनुभव है।
उन्होंने तेजस विमान की परीक्षण उड़ानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नंबर 1 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में भी सेवाएं दीं। ग्रुप कैप्टन के रूप में उन्होंने एएसटीई में मुख्य परीक्षण पायलट के रूप में कार्य किया।
कई उच्च पदों पर किया नेतृत्व
फ्रांस में भारतीय दूतावास में एयर अताशे से लेकर जोधपुर सेक्टर में 32 विंग के एयर ऑफिसर कमांडिंग तक, एयर कमोडोर से लेकर एयर वाइस मार्शल तक की जिम्मेदारियाँ वे बखूबी निभा चुके हैं। राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र, बेंगलुरु में वे परियोजना निदेशक भी रहे।
1 मई 2023 को उन्होंने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में कार्यभार संभाला था।
सम्मानों की सूची भी गौरवशाली
उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें वर्ष 2008 में वायुसेना पदक, 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2025 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
परिवारिक पृष्ठभूमि
एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी के पिता का नाम श्री चंद्रमौली प्रसाद है। सिवान के वरिष्ठ अधिवक्ता इष्ट देव तिवारी उनके चचेरे भाई हैं।
पूरा जिला गौरवान्वित
एयर मार्शल तिवारी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सिवान जिला गर्व से सराबोर है। यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह दिखाती है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर भी कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पदों तक पहुंच सकता है।