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वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ओवैसी की गरज: बिहार से दी मोदी सरकार को चुनौती।

सारस न्यूज, बहादुरगंज।

बहादुरगंज कॉलेज चौक के मैदान में एआईएमआईएम सुप्रीमो बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी को फूल माला पहनाकर पूर्व विधायक तौसीफ़ आलम, जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि फैयाज़ आलम, एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान, जिला अध्यक्ष हैबर बाबा सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया।

वहीं जनसभा के दौरान बैरिस्टर ओवैसी ने केंद्र और बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने वक्फ को लेकर कई बड़े बयान दिए। उन्होंने कहा, “जब हिंदू ट्रस्ट में किसी गैर-हिंदू को मौका नहीं दिया जाता, तो फिर वक्फ पर गैर-मुस्लिम को हस्तक्षेप करने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है?” उन्होंने चेताया कि जब तक यह “काला कानून” वापस नहीं लिया जाता, वे चुप नहीं बैठेंगे।

ओवैसी ने कहा, “अगर मंदिरों और बोधगया के लिए कानून अच्छा है, तो वही कानून बिहार के मुसलमानों के लिए क्यों नहीं हो सकता?” उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार 11 सालों में मुसलमानों के हित में कुछ नहीं कर सकी।

चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि ये लोग खुद को सेकुलर बताते हैं लेकिन अपने नीचे वालों से बयान दिलवाते हैं ताकि वोट न कटे। एआईएमआईएम की टिकट पर चुनाव जीतकर पार्टी छोड़ने वाले विधायकों को उन्होंने “बुजदिल और जमीन फरोश” बताया।

जनसभा में ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। पाकिस्तान से बातचीत की मांग करने वाले विदेशी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने पूछा, “यूक्रेन और रूस के मामले में आपने क्या किया?” उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है और पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजद पर निशाना साधते हुए बोले, “उन्होंने हमारे चार लोग ले लिए, हम 24 लाएंगे, और एक दिन ऐसा आएगा जब ये लोग अख्तरुल ईमान और तौसीफ़ आलम से भीख मांगने आएंगे।”

प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि वक्फ और काले कानून के खिलाफ अब देश चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा, “15 लाख की जगह 15 पैसे नहीं दे सके, और रोजगार के नाम पर पकौड़े बेचने को रोजगार कहा गया।”

पूर्व विधायक तौसीफ़ आलम ने नरेंद्र मोदी की तुलना गद्दाफी से करते हुए कहा कि सरकार एक समुदाय को टारगेट कर जबरन कानून थोप रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस दौरान मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान, सीमांचल प्रभारी गुलाम हसनैन, जिला अध्यक्ष हबीबुर रहमान उर्फ हैबर बाबा, जिला महासचिव राहिल अख्तर, जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि फैयाज़ आलम, कोषाध्यक्ष इशाक आलम, पूर्व विधायक तौसीफ़ आलम सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और हजारों स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।

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