सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तिथि:
- चतुर्दशी तिथि – रात 08:01 बजे तक
- इसके पश्चात पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी।
नक्षत्र:
- स्वाती नक्षत्र – जो संतुलन, स्वतंत्रता और विनम्रता का प्रतीक है। यह व्यापारिक कार्यों और सौदेबाजी के लिए अनुकूल माना जाता है।
योग:
- वृद्धि योग – 12 मई की सुबह 05:01 बजे तक। यह योग नाम, यश और उन्नति का कारक है।
करण:
- गरज करण – सुबह 06:46 बजे तक
- इसके बाद वणिज करण आरंभ होगा
सूर्य व चंद्र से संबंधित समय
- सूर्योदय – सुबह 05:33 बजे
- सूर्यास्त – शाम 07:02 बजे
- चंद्रोदय – शाम 06:01 बजे
- चंद्रास्त – 12 मई को सुबह 04:56 बजे
दिशा शूल:
- पश्चिम दिशा – इस दिशा में यात्रा से बचें। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो दही खाकर प्रस्थान करें।
अशुभ समय (दुष्ट मुहूर्त)
- राहु काल – शाम 05:21 से रात 07:03 बजे तक
(इस समय नए कार्य या शुभ आरंभ से बचना चाहिए) - यमगण्ड काल – दोपहर 12:18 से 01:59 बजे तक
(इस काल में भी नए कार्य आरंभ करने से बचें) - गुलिक काल – सुबह 03:52 से 05:33 बजे तक
(यह काल कुछ परंपराओं में तटस्थ माना गया है, लेकिन सतर्क रहना चाहिए)
शुभ मुहूर्त व कार्य
- आज विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, खरीददारी जैसे कार्यों के लिए विशेष शुभ योग नहीं है। पूर्णिमा तिथि रात्रि से शुरू हो रही है, जो कल विशेष फलदायी होगी।
दैनिक विशेष जानकारी
- वार (रविवार) – यह दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। आज के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक बल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- चंद्रमा की स्थिति – तुला राशि में
- आज का उपवास/पर्व – कोई विशेष व्रत नहीं
दैनिक उपाय (11 मई 2025)
- आज के दिन सूर्य को जल चढ़ाते समय उसमें लाल फूल, चावल और रोली मिलाएं।
- “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें।
- गरीबों को गेहूं या गुड़ दान करना शुभ रहेगा।