• Sun. Sep 14th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

सटीक माप, सही नियंत्रण और जीवन की सुरक्षा थीम पर किशनगंज में चला विशेष अभियान।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।



उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है। शुरुआत में यह रोग कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचाता रहता है। यही कारण है कि इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। दुनियाभर में लाखों लोग इस रोग से प्रभावित हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोग अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं। यह रोग धीरे-धीरे हृदयाघात, पक्षाघात, किडनी फेलियर और यहां तक कि अचानक मृत्यु तक का कारण बन सकता है। गलत जीवनशैली, असंतुलित खानपान, तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और आनुवंशिकता इसके मुख्य कारण हैं। इसी भयावहता को देखते हुए हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग समय रहते जांच कराएं, सावधानी बरतें और गंभीर परिणामों से बच सकें।

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस वर्ष की थीम थी: “Measure Your Blood Pressure Accurately, Control It, Live Longer”, जिसका अर्थ है कि वर्ष 2025 की थीम “अपने रक्तचाप को सटीक मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें” रही। इसी संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए किशनगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों को बताया गया कि रक्तचाप की सटीक और नियमित माप ही समय पर निदान और बचाव की पहली सीढ़ी है।

30 पार हर व्यक्ति को हर साल करानी चाहिए बीपी जांच
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि 30 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों में उच्च रक्तचाप की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है—यदि परिवार में किसी को पहले यह रोग रहा है, तो उसकी अगली पीढ़ी को भी जोखिम रहता है। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर किशनगंज के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और जिला अस्पताल में नि:शुल्क रक्तचाप जांच शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में सैकड़ों लोगों की जांच की गई और उन्हें संतुलित जीवनशैली अपनाने, नियमित जांच कराने और चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। डॉ. उर्मिला ने कहा, “80–85 प्रतिशत मामलों में उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन इसका असर शरीर के अंगों पर गहराई से होता है। जब इसका पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए इसे हल्के में न लें।”

ज्यादातर मौतों के लिए जिम्मेदार हैं गैर संचारी रोग
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि भारत में लगभग हर चौथा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से ग्रसित है। उन्होंने कहा कि देश में होने वाली कुल मौतों में से ज्यादातर मौतें गैर संचारी रोगों के कारण होती हैं, जिनमें से 27 प्रतिशत केवल हृदयाघात से होती हैं। उन्होंने कहा कि जीवनशैली में थोड़ा सा सुधार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और नमक-तेल की मात्रा पर नियंत्रण रखकर इस रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है।

गांव-गांव आशा कार्यकर्ताओं ने फैलाया जागरूकता संदेश
इस अवसर पर आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव जाकर लोगों को बताया गया कि हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर लेकिन नियंत्रित करने योग्य रोग है। उन्हें यह भी समझाया गया कि शराब, तंबाकू, अत्यधिक जंक फूड और तनाव से दूरी बनाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है।

उच्च रक्तचाप से बचाव के प्रमुख उपाय:

  1. संतुलित आहार, फल-सब्जियों का अधिक सेवन
  2. नियमित व्यायाम और योग
  3. नमक, घी, तेल और प्रोसेस्ड फूड का कम सेवन
  4. धूम्रपान व शराब से दूरी
  5. तनावमुक्त जीवनशैली
  6. हर 6–12 महीने में रक्तचाप जांच
  7. चिकित्सकीय सलाह पर दवा सेवन

समय रहते जांच कराएं, जीवन की सुरक्षा पाएं
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने आमजन से अपील की कि वे इस ‘मौन हत्यारे’ को नजरअंदाज न करें। समय रहते रक्तचाप जांच कराएं, डॉक्टर की सलाह लें और अपनी जीवनशैली में सुधार करें। सटीक मापन, सही नियंत्रण और समय पर दवा ही इस बीमारी से बचाव का सबसे मजबूत हथियार है। विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में विश्व उच्च रक्तचाप लीग (WHL) द्वारा की गई थी। 2006 से हर वर्ष इसे 17 मई को नियमित रूप से मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य है कि लोग हाइपरटेंशन को गंभीरता से लें, नियमित जांच कराएं और लंबा, स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में कदम उठाएं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *