सारस न्यूज, अररिया।
महिला संवाद अब सरकार से संवाद स्थापित करने का एक प्रभावशाली माध्यम बन चुका है। इस मंच के ज़रिए महिलाएं अपनी समस्याएं और आकांक्षाएं सीधे प्रशासन तक पहुंचा रही हैं, जिस पर तत्परता से कार्रवाई भी की जा रही है। इससे ज़मीनी स्तर पर कई मुद्दों का समाधान जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को बड़ी राहत मिल रही है। पहले जिन समस्याओं का समाधान कठिन था, अब वे महिला संवाद के ज़रिए सुनी और सुलझाई जा रही हैं।
महिला संवाद के 32वें दिन अररिया जिले में 36 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और अपनी बात रखी। रानीगंज की उजमा ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए कहा कि यदि घर में कोई बीमार पड़ता है, तो गरीब परिवारों के लिए इलाज कराना बेहद मुश्किल हो जाता है। नजदीकी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण सदर अस्पताल ले जाना पड़ता है, जो एक कठिन प्रक्रिया होती है। ऐसे में एम्बुलेंस सुविधा को और बेहतर बनाने की मांग रखी गई।
साथ ही, उजमा और अन्य महिलाओं ने सदर अस्पताल में बेहतर डॉक्टरों और उन्नत सुविधाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि मरीजों को बार-बार अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए।
इसके अलावा, कुछ महिलाओं ने राशन कार्ड में नाम नहीं जोड़े जाने की शिकायत की और बताया कि लगातार आवेदन और कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद समाधान नहीं हो पा रहा है। वहीं, कई महिलाओं ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने की आवश्यकता जताई, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं की आवाज़ को न सिर्फ बुलंद कर रहा है, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर उसका प्रभावी समाधान भी सुनिश्चित कर रहा है।