सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
- भू माफिया सक्रिय, रातों रात हटाया गया सरकारी बोर्ड:
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी भू-माफिया का आतंक कम नहीं हुआ है। सिलीगुड़ी महकमा इलाकों में इन दिनों में भू – माफिया की बात लोगों की जुबान पर है। भू -माफिया किसी की भी जमीन पर कब्जे की हिम्मत रखते हैं। ताजा मामला नक्सलबाड़ी के सेबदुल्ला जोत इलाके के सरकारी जमीन पर भू माफिया की नजर है। वहां भू माफिया सरकारी बोर्ड हटाकर जमीन हड़पने के फिराक में है। यहां लगभग 5 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन है। अब यह सरकारी बोर्ड रातोरात क्यों हटाया गया? इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि नक्सलबाड़ी इलाके में भू माफिया फिर से सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के माने तो भूमि के दाम में बढ़ोतरी और इसमें अकूट कमाई की वजह से कई लोग इस धंधे में शामिल हो गए हैं। जमीन मालिक के सगे संबंधी या दूर के रिश्तेदार को लालच दे और उनसे जमीन रजिस्ट्री कराकर विवाद खड़ा कर देते हैं। थाने में इनकी मिलीभगत रहती है। इसके लिए नकली दस्तावेज बनाना उसके लिए आम बात है। पुलिस का सहयोग नहीं मिलने के कारण भूमि का वास्तविक मालिक औने पौने दामों में जमीन बेचने में ही अपनी भलाई समझता है। जमीन पर कब्जा करने के बाद भू-माफिया जमीन को बेच कमाई करते हैं। जिसमें अन्य की भी हिस्सेदारी रहती। खोरीबाड़ी व नक्सलबाड़ी क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। सड़कें चौड़ी हो रही हैं। इस कारण भूमि के दामों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। भूमि के दाम बढ़ते ही गांव-गांव में भू-माफिया पनप गए हैं, जो किसी न किसी प्रकार से जमीन पर विवाद बढ़ा कर कब्जा करने की फिराक में रहते हैं। आए दिन भूमि विवाद के कारण लोगों के बीच मारपीट होती रहती है। आए दिन विभिन्न स्थानों में भूमि विवाद से जुड़ी रहती है। कहीं अवैध रूप से तालाब भरने की शिकायत मिलती है तो कहीं सरकारी जमीन को कब्जा कर बेच देते हैं। यहां तक भू माफिया लालच देकर गांव के बेरोजगार युवकों को अपने साथ जोड़ लेते हैं। फिर गांव के सीधे-साधे लोगों की कीमती जमीन पर बेवजह विवाद पैदा कर उसे हड़पने का षड्यंत्र रचते हैं। बाद में उसे महंगे दाम में बेच देते हैं।
ऊपर से बीजेपी और टीएमसी, अंदर से चोर चोर मौसेरा भाई:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी समेत खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के भालूगाड़ा, सोनापिंडी व नायाहाट में दर्जनों भू – माफिया तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी का दामन थाम रखे हैं। जब पार्टी की बात आती है तो तो अपने पार्टी के लिए खड़े हो जाते हैं। फिर वहीं बात बीजेपी और तृणमूल ऊपर से, अंदर से चोर चोर मौसेरा भाई। ये लोग पीछे रणनीतिक का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन, पट्टा जमीन पर कब्जे मालिक को सेटिंग करने के बाद उस जमीन को अवैध रूप से बेचने की साजिश करते हैं और अपना रोटी सेकते हैं। इस धंधे में भू माफिया लाखों रूपये कमाते हैं। तो सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद भू-माफिया जमीन को बेच कमाई करते हैं।
क्या कहते हैं एसपी
वहीं इस संबंध में दार्जिलिंग जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने बताया कि भूमि वाला मामला बीएलआरओ के अंदर आता है। अगर भू – माफियाओं के खिलाफ बीएलआरओ से शिकायत की जाती है। तो पुलिस यह मामले तत्काल कार्रवाई करेगी। जबकि भू- माफिया के खिलाफ पुलिस पहले भी कार्रवाई कर चुकी है।