महिला संवाद के 47वें दिन अररिया जिले के विभिन्न 36 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 7089 महिलाओं ने भाग लिया। अब तक जिले में कुल 1674 स्थानों पर यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी उत्साहजनक रही है।
इस पहल के तहत महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाढ़ जैसी समस्याओं के साथ-साथ अनेक सामाजिक मुद्दों को भी सामने रख रही हैं। उनकी ओर से उठाए गए सवालों पर प्रशासनिक स्तर पर समाधान की दिशा में प्रयास जारी हैं, जिससे महिलाओं में आशा और आत्मविश्वास का संचार हो रहा है।
मंगलवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान कुछ महिलाओं ने सतत् जीविकोपार्जन योजना (SJY) के दायरे को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति तक सीमित न रखते हुए अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को भी इसमें जोड़ा जाए। उनका मानना है कि इससे अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके परिवारों की स्थिति भी सुदृढ़ हो सकेगी।
रानीगंज की उर्मिला देवी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि क्षेत्र में सिलाई सेंटर की अनुपलब्धता के कारण कई महिलाएं बेरोजगार हैं। यदि सिलाई प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, तो अनेक महिलाएं स्वरोजगार की राह पकड़ सकती हैं। इसके अलावा, अन्य महिलाओं ने भी वैकल्पिक रोजगार के अवसर विकसित करने की मांग की, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर समाज में उनकी भागीदारी को और सशक्त किया जा सके।
इस तरह के संवादों के माध्यम से प्रशासन और महिलाएं एक साझा मंच पर आकर सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
सारस न्यूज, अररिया।
महिला संवाद के 47वें दिन अररिया जिले के विभिन्न 36 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 7089 महिलाओं ने भाग लिया। अब तक जिले में कुल 1674 स्थानों पर यह संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी उत्साहजनक रही है।
इस पहल के तहत महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाढ़ जैसी समस्याओं के साथ-साथ अनेक सामाजिक मुद्दों को भी सामने रख रही हैं। उनकी ओर से उठाए गए सवालों पर प्रशासनिक स्तर पर समाधान की दिशा में प्रयास जारी हैं, जिससे महिलाओं में आशा और आत्मविश्वास का संचार हो रहा है।
मंगलवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान कुछ महिलाओं ने सतत् जीविकोपार्जन योजना (SJY) के दायरे को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि इस योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति तक सीमित न रखते हुए अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को भी इसमें जोड़ा जाए। उनका मानना है कि इससे अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके परिवारों की स्थिति भी सुदृढ़ हो सकेगी।
रानीगंज की उर्मिला देवी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि क्षेत्र में सिलाई सेंटर की अनुपलब्धता के कारण कई महिलाएं बेरोजगार हैं। यदि सिलाई प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, तो अनेक महिलाएं स्वरोजगार की राह पकड़ सकती हैं। इसके अलावा, अन्य महिलाओं ने भी वैकल्पिक रोजगार के अवसर विकसित करने की मांग की, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर समाज में उनकी भागीदारी को और सशक्त किया जा सके।
इस तरह के संवादों के माध्यम से प्रशासन और महिलाएं एक साझा मंच पर आकर सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
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