– सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं की मजबूत भागीदारी, योजनाओं से मिली नई उड़ान
किशनगंज में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली उदाहरण बनकर सामने आया है। बीते 48 दिनों से लगातार चल रहे इस कार्यक्रम में महिलाएं पूरे आत्मविश्वास, उत्साह और खुले मन से अपनी बात रख रही हैं। उनके अनुभव, आकांक्षाएं और सुझाव न केवल उनकी जागरूकता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ जब सही हाथों तक पहुंचता है, तो ज़मीनी बदलाव ज़रूर होता है।
मीरा देवी की कहानी: सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
पोठिया प्रखंड के डुबानोची पंचायत की रहने वाली मीरा देवी ने महिला संवाद के मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें सरकार से घर में शौचालय निर्माण के लिए राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, “अब घर में शौचालय होने से न केवल सुविधा बढ़ी है, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की भावना भी मजबूत हुई है।”
मीरा देवी ने बताया कि उनके बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं और उन्हें पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल और मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं का नियमित लाभ मिल रहा है। वे ‘जय माता दी जीविका स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ी हुई हैं और समूह से ऋण लेकर स्वरोज़गार में लगी हैं। उन्होंने कहा, “अब हमें सरकार से आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में सहायता मिल रही है।”
उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किया—“जीविका संकुल स्तरीय संघ और ग्राम संगठनों के लिए एक स्थायी भवन की आवश्यकता है, जिससे हमारी बैठकें, कार्यालय संचालन और अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से हो सकें।”
चंदना राय की मांग: पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं और हों बेहतर
उसी पंचायत की एक अन्य महिला चंदना राय ने आँगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि इन केंद्रों को और सुदृढ़ किया जाए तो इससे छोटे बच्चों के साथ-साथ गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
महिलाओं ने रखीं सामाजिक सुरक्षा और विकास से जुड़ी कई मांगें
कार्यक्रम में भाग लेने वाली अन्य महिलाओं ने भी खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने गांव में सोलर लाइट लगाने, जन वितरण प्रणाली (PDS) से मिलने वाले राशन की मात्रा बढ़ाने, वृद्धा, विधवा और दिव्यांगता पेंशन की राशि में वृद्धि तथा सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता में इज़ाफा किए जाने की मांगें उठाईं।
जागरूकता वाहन बना आकर्षण का केंद्र
महिला संवाद कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि इसके तहत एक जागरूकता वाहन के माध्यम से महिलाओं को सरकार की योजनाओं की जानकारी देने वाली एलईडी स्क्रीन पर वीडियो फिल्में दिखाई गईं। ये फिल्में न केवल प्रेरणादायी थीं, बल्कि मनोरंजक भी थीं — जिससे महिलाओं में इन्हें लेकर विशेष रुचि और उत्सुकता देखी गई। कई महिलाओं ने कहा कि ऐसी फिल्मों से उन्हें योजनाओं को समझने और लाभ उठाने में मदद मिली है।
निष्कर्ष: संवाद से ही बनेगा बदलाव
महिला संवाद कार्यक्रम किशनगंज जिले में नारी शक्ति के नवाचार और नेतृत्व की मिसाल बनकर उभरा है। जहां महिलाएं न केवल अपने अनुभव साझा कर रही हैं, बल्कि विकास की दिशा में रचनात्मक सुझाव भी दे रही हैं। यह मंच महिलाओं को आवाज़ देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में भी सार्थक भूमिका निभा रहा है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
– सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं की मजबूत भागीदारी, योजनाओं से मिली नई उड़ान
किशनगंज में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली उदाहरण बनकर सामने आया है। बीते 48 दिनों से लगातार चल रहे इस कार्यक्रम में महिलाएं पूरे आत्मविश्वास, उत्साह और खुले मन से अपनी बात रख रही हैं। उनके अनुभव, आकांक्षाएं और सुझाव न केवल उनकी जागरूकता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी साबित करते हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ जब सही हाथों तक पहुंचता है, तो ज़मीनी बदलाव ज़रूर होता है।
मीरा देवी की कहानी: सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
पोठिया प्रखंड के डुबानोची पंचायत की रहने वाली मीरा देवी ने महिला संवाद के मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें सरकार से घर में शौचालय निर्माण के लिए राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, “अब घर में शौचालय होने से न केवल सुविधा बढ़ी है, बल्कि सम्मान और सुरक्षा की भावना भी मजबूत हुई है।”
मीरा देवी ने बताया कि उनके बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ते हैं और उन्हें पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल और मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं का नियमित लाभ मिल रहा है। वे ‘जय माता दी जीविका स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ी हुई हैं और समूह से ऋण लेकर स्वरोज़गार में लगी हैं। उन्होंने कहा, “अब हमें सरकार से आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में सहायता मिल रही है।”
उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किया—“जीविका संकुल स्तरीय संघ और ग्राम संगठनों के लिए एक स्थायी भवन की आवश्यकता है, जिससे हमारी बैठकें, कार्यालय संचालन और अन्य गतिविधियां सुचारू रूप से हो सकें।”
चंदना राय की मांग: पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं और हों बेहतर
उसी पंचायत की एक अन्य महिला चंदना राय ने आँगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि इन केंद्रों को और सुदृढ़ किया जाए तो इससे छोटे बच्चों के साथ-साथ गर्भवती और धात्री महिलाओं को भी बेहतर पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
महिलाओं ने रखीं सामाजिक सुरक्षा और विकास से जुड़ी कई मांगें
कार्यक्रम में भाग लेने वाली अन्य महिलाओं ने भी खुलकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने गांव में सोलर लाइट लगाने, जन वितरण प्रणाली (PDS) से मिलने वाले राशन की मात्रा बढ़ाने, वृद्धा, विधवा और दिव्यांगता पेंशन की राशि में वृद्धि तथा सामाजिक सुरक्षा के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता में इज़ाफा किए जाने की मांगें उठाईं।
जागरूकता वाहन बना आकर्षण का केंद्र
महिला संवाद कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही कि इसके तहत एक जागरूकता वाहन के माध्यम से महिलाओं को सरकार की योजनाओं की जानकारी देने वाली एलईडी स्क्रीन पर वीडियो फिल्में दिखाई गईं। ये फिल्में न केवल प्रेरणादायी थीं, बल्कि मनोरंजक भी थीं — जिससे महिलाओं में इन्हें लेकर विशेष रुचि और उत्सुकता देखी गई। कई महिलाओं ने कहा कि ऐसी फिल्मों से उन्हें योजनाओं को समझने और लाभ उठाने में मदद मिली है।
निष्कर्ष: संवाद से ही बनेगा बदलाव
महिला संवाद कार्यक्रम किशनगंज जिले में नारी शक्ति के नवाचार और नेतृत्व की मिसाल बनकर उभरा है। जहां महिलाएं न केवल अपने अनुभव साझा कर रही हैं, बल्कि विकास की दिशा में रचनात्मक सुझाव भी दे रही हैं। यह मंच महिलाओं को आवाज़ देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में भी सार्थक भूमिका निभा रहा है।
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