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100 दिनों के काम नहीं मिलने पर लोगों का धरना प्रदर्शन, जूते चप्पल से मारपीट


विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।

खोरीबाड़ी : श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चलायी गयी है, लेकिन यह योजना फांसीदेवा-खोरीबाड़ी क्षेत्र इलाकों में पहुंची तो है, लेकिन मनरेगा के काम में राजनीतिक दलों से कार्यकर्ता व उनके समर्थक देखे जा रहे हैं ।बाकी मनरेगा से जुड़े ऐसे सैकड़ों श्रमिक भी है, जो बेरोजगार बैठे हुए हैं। इन लोगों के पास मजदूर कार्ड होते हुए 100 दिनों के कामों से वंचित है। जिसके कारण इन लोगों को मनरेगा के 100 दिनों का काम नहीं मिलने पर रोष जताया है। ताजा मामला खोरीबाड़ी प्रखंड के बिन्नाबाड़ी पंचायत के खोपालासी इलाके में देखने को मिली है। यहां 100 दिन काम पर भाई-भतीजावाद के आरोप को लेकर विवाद शुरू हो गया। जब कार्ड धारकों ने खेत में धरना दिया। जिसके कारण काम रुक गया। इस दिन उन्होंने नहर की खुदाई करते हुए कोई काम नहीं मिलने का विरोध भी किया। घटना में जूते-चप्पल को लेकर मारपीट हो गई। बेरोजगार कार्डधारकों ने कहा कि पर्यवेक्षक अपने ही लोगों को नियुक्त कर रहा है। इस दिन तनाव बढ़ते देख सुबह काम बंद कर दिया गया। पर्यवेक्षक ने कहा लोगो द्वारा आरोप झूठा लगाया जा रहा है सभी को नियमानुसार काम दिया जा रहा है । उसने कहा मुझे समझ नहीं आता कि ग्रामीण शिकायत क्यों कर रहे हैं। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। इस संबंध में खोरीबाड़ी प्रखंड के बीडीओ निरंजन बर्मन ने बताया कि अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। यदि पर्यवेक्षक के विरुद्ध आरोप सिद्ध हो जाते हैं, कार्यवाही की जायेगी।

वहीं इस संबंध में फ़ांसीदेवा-खोरीबाड़ी भाजपा विधायक दुर्गा मुर्मू ने सारस न्यूज़ से बातचीत में कहा कि मनरेगा के काम में घोटाला हो रहा है। साथ ही लोगों को सौ दिनों के काम करने के बाद उनके मेहनत की मजदूरी नहीं दी जाती है। श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चलायी गयी है, लेकिन यह योजना फांसीदेवा-खोरीबाड़ी क्षेत्र इलाकों में पहुंची तो है, लेकिन इसमें सिर्फ श्रमिकों के रूप में तृणमूल कार्यकर्ता व उनके समर्थक ही देखे जा रहे हैं। बाकी मनरेगा से जुड़े ऐसे सैकड़ों श्रमिक भी है, जो बेरोजगार बैठे हुए हैं। इन लोगों के पास मजदूर कार्ड होते हुए 100 दिनों के कामों से वंचित है।जिसके कारण इन लोगों को मनरेगा के 100 दिनों का काम नहीं मिलने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा मैं एक नेता की हैसियत से नहीं कह रहा हूं । मेरा कहना है कि मनरेगा में तृणमूल व सीपीआईएम के समर्थक देखकर मनरेगा योजना का काम नहीं देना चाहिए, बल्कि सभी लोगों को काम देना चाहिए।फोटो : सौ दिनों के काम में मारपीट के बाद लोगों का भीड़

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