जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुधवार को भोजपुर जिले के शाहपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद आरा के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय दोनों प्रमुख गठबंधनों – एनडीए और आईएनडीआईए – पर जमकर निशाना साधा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब उन्होंने जन सुराज की पदयात्रा शुरू की थी, तब आईएनडीआईए गठबंधन के नेता उन्हें भाजपा की “बी टीम” कह रहे थे। अब जब जन सुराज की लोकप्रियता बढ़ रही है और दोनों गठबंधनों के नेताओं को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है, तो एनडीए वाले उन्हें आईएनडीआईए गठबंधन की बी टीम बता रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन दोनों गठबंधनों में सिर्फ वही नेता जन सुराज पर बयानबाजी कर रहे हैं, जो स्वयं चुनाव नहीं लड़ते। जबकि जो नेता चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं, वे चुप हैं क्योंकि उन्हें डर है कि जन सुराज उनकी राजनीतिक जमीन हिला सकता है।
प्रशांत किशोर ने लोजपा नेता चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बिहार से सांसद हैं, इसका तात्पर्य यह है कि वे पहले से ही बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन अगर उन्हें वास्तव में बिहार की राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभानी है, तो उन्हें दिल्ली का मोह छोड़ना होगा।
पीके ने सुझाव दिया कि चिराग पासवान को पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना चाहिए और अधिक समय बिहार में बिताना चाहिए। तभी वे राज्य की जनता के साथ वास्तविक जुड़ाव बना पाएंगे और नेतृत्व की भूमिका में गंभीरता से स्वीकार किए जाएंगे।
प्रशांत किशोर की यह प्रेस वार्ता जन सुराज की बढ़ती राजनीतिक उपस्थिति और पारंपरिक गठबंधनों के प्रति उनके आलोचनात्मक रुख को दर्शाती है। उनका दावा है कि जन सुराज एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच के रूप में स्थापित हो रहा है, जिससे चुनावी मैदान में उतरने वाले नेता चिंतित हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुधवार को भोजपुर जिले के शाहपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद आरा के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय दोनों प्रमुख गठबंधनों – एनडीए और आईएनडीआईए – पर जमकर निशाना साधा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब उन्होंने जन सुराज की पदयात्रा शुरू की थी, तब आईएनडीआईए गठबंधन के नेता उन्हें भाजपा की “बी टीम” कह रहे थे। अब जब जन सुराज की लोकप्रियता बढ़ रही है और दोनों गठबंधनों के नेताओं को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है, तो एनडीए वाले उन्हें आईएनडीआईए गठबंधन की बी टीम बता रहे हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन दोनों गठबंधनों में सिर्फ वही नेता जन सुराज पर बयानबाजी कर रहे हैं, जो स्वयं चुनाव नहीं लड़ते। जबकि जो नेता चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं, वे चुप हैं क्योंकि उन्हें डर है कि जन सुराज उनकी राजनीतिक जमीन हिला सकता है।
प्रशांत किशोर ने लोजपा नेता चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बिहार से सांसद हैं, इसका तात्पर्य यह है कि वे पहले से ही बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन अगर उन्हें वास्तव में बिहार की राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभानी है, तो उन्हें दिल्ली का मोह छोड़ना होगा।
पीके ने सुझाव दिया कि चिराग पासवान को पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना चाहिए और अधिक समय बिहार में बिताना चाहिए। तभी वे राज्य की जनता के साथ वास्तविक जुड़ाव बना पाएंगे और नेतृत्व की भूमिका में गंभीरता से स्वीकार किए जाएंगे।
प्रशांत किशोर की यह प्रेस वार्ता जन सुराज की बढ़ती राजनीतिक उपस्थिति और पारंपरिक गठबंधनों के प्रति उनके आलोचनात्मक रुख को दर्शाती है। उनका दावा है कि जन सुराज एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच के रूप में स्थापित हो रहा है, जिससे चुनावी मैदान में उतरने वाले नेता चिंतित हैं।
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