नक्सलबाड़ी: मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनइएससीएपी) की एक उच्चस्तरीय टीम ने भारत-नेपाल सीमा स्थित पानीटंकी का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच व्यापार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूएनइएससीएपी की टीम ने सबसे पहले भारत-बांग्लादेश की फूलबाड़ी सीमा का निरीक्षण किया, जिसके बाद पानीटंकी में भारत-नेपाल सीमा का दौरा किया गया। दौरे के दौरान टीम ने सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की, जिसमें व्यापारिक प्रक्रियाओं, सीमा पर आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में यह विशेष रूप से चर्चा का विषय रहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के अंतर्गत व्यापार कैसे संचालित किया जा रहा है और इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
इस संदर्भ में यूएनइएससीएपी के प्रतिनिधि राजन सुदेश रत्न ने कहा, “भारत-नेपाल के बीच व्यापार को लेकर गंभीरता से विचार किया गया है। सीमाओं पर मौजूद बाधाओं को समझते हुए संभावित समाधान तलाशने का प्रयास किया गया है। नेपाल में विभिन्न पक्षों से संवाद के बाद टीम ने दोनों सीमाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया है।”
इस दौरे को भारत और पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय व्यापार सहयोग को नई दिशा देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में इस रिपोर्ट के आधार पर व्यापारिक ढांचे को और अधिक सुगम बनाने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनइएससीएपी) की एक उच्चस्तरीय टीम ने भारत-नेपाल सीमा स्थित पानीटंकी का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच व्यापार एवं वाणिज्यिक गतिविधियों की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूएनइएससीएपी की टीम ने सबसे पहले भारत-बांग्लादेश की फूलबाड़ी सीमा का निरीक्षण किया, जिसके बाद पानीटंकी में भारत-नेपाल सीमा का दौरा किया गया। दौरे के दौरान टीम ने सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की, जिसमें व्यापारिक प्रक्रियाओं, सीमा पर आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में यह विशेष रूप से चर्चा का विषय रहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के अंतर्गत व्यापार कैसे संचालित किया जा रहा है और इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
इस संदर्भ में यूएनइएससीएपी के प्रतिनिधि राजन सुदेश रत्न ने कहा, “भारत-नेपाल के बीच व्यापार को लेकर गंभीरता से विचार किया गया है। सीमाओं पर मौजूद बाधाओं को समझते हुए संभावित समाधान तलाशने का प्रयास किया गया है। नेपाल में विभिन्न पक्षों से संवाद के बाद टीम ने दोनों सीमाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया है।”
इस दौरे को भारत और पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय व्यापार सहयोग को नई दिशा देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में इस रिपोर्ट के आधार पर व्यापारिक ढांचे को और अधिक सुगम बनाने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
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