जिले भर के कई थानों में पुलिसकर्मियों के लिए एक विशेष ‘चौकीदारी परेड’ का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बल के भीतर अनुशासन को सुदृढ़ करना और पेशेवर दक्षता को नई दिशा देना था। यह परेड थानों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में सम्पन्न हुई, जहां पुलिसकर्मियों को न केवल अनुशासन का महत्व समझाया गया, बल्कि उन्हें पुलिस सेवा के विविध पहलुओं से भी अवगत कराया गया।
परेड के दौरान संबोधित करते हुए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिसिंग केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अनुशासन एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ है। एक पुलिसकर्मी तभी प्रभावशाली ढंग से अपनी ड्यूटी निभा सकता है जब वह स्वयं अनुशासित हो। इसके साथ ही, आम जनता के प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई।
अधिकारियों ने बल दिया कि पुलिस और आम नागरिकों के बीच मजबूत रिश्ता तभी संभव है जब पुलिसकर्मी व्यवहार में विनम्रता और समझदारी दिखाएं। जनता के साथ संवाद स्थापित करने की कला को बेहतर बनाने की भी आवश्यकता जताई गई। पुलिस की पहचान सिर्फ उसकी वर्दी से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार से होती है – यह संदेश सभी जवानों को बार-बार दोहराया गया।
परेड में शामिल पुलिसकर्मियों ने इस पहल का स्वागत किया और इसे अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में उपयोगी बताया। इस तरह के आयोजन न केवल बल में अनुशासन को मज़बूत करते हैं, बल्कि पुलिस-जनता संबंधों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होते हैं।
इस चौकीदारी परेड के माध्यम से पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि बदलते समय में बेहतर पुलिसिंग वही है, जिसमें अनुशासन के साथ मानवीय संवेदनाएं भी हों।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
जिले भर के कई थानों में पुलिसकर्मियों के लिए एक विशेष ‘चौकीदारी परेड’ का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बल के भीतर अनुशासन को सुदृढ़ करना और पेशेवर दक्षता को नई दिशा देना था। यह परेड थानों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में सम्पन्न हुई, जहां पुलिसकर्मियों को न केवल अनुशासन का महत्व समझाया गया, बल्कि उन्हें पुलिस सेवा के विविध पहलुओं से भी अवगत कराया गया।
परेड के दौरान संबोधित करते हुए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिसिंग केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अनुशासन एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ है। एक पुलिसकर्मी तभी प्रभावशाली ढंग से अपनी ड्यूटी निभा सकता है जब वह स्वयं अनुशासित हो। इसके साथ ही, आम जनता के प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई।
अधिकारियों ने बल दिया कि पुलिस और आम नागरिकों के बीच मजबूत रिश्ता तभी संभव है जब पुलिसकर्मी व्यवहार में विनम्रता और समझदारी दिखाएं। जनता के साथ संवाद स्थापित करने की कला को बेहतर बनाने की भी आवश्यकता जताई गई। पुलिस की पहचान सिर्फ उसकी वर्दी से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार से होती है – यह संदेश सभी जवानों को बार-बार दोहराया गया।
परेड में शामिल पुलिसकर्मियों ने इस पहल का स्वागत किया और इसे अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में उपयोगी बताया। इस तरह के आयोजन न केवल बल में अनुशासन को मज़बूत करते हैं, बल्कि पुलिस-जनता संबंधों को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होते हैं।
इस चौकीदारी परेड के माध्यम से पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि बदलते समय में बेहतर पुलिसिंग वही है, जिसमें अनुशासन के साथ मानवीय संवेदनाएं भी हों।
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