श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन महाराष्ट्र ने निभाई मानवता की मिसाल
भरगामा प्रखंड के जगता स्थित महादलित टोला में गुरुवार को भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला, जब करीब ढाई साल पहले अपने घर से लापता हुई एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती अपने परिवार से आकर मिली। यह अद्भुत कार्य महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले स्थित कर्जत की श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन द्वारा किया गया।
बताया गया कि जगता पंचायत के बरौहुआ महादलित टोला निवासी बिंचू ऋषिदेव की पुत्री काजल कुमारी करीब 2.5 वर्ष पूर्व मानसिक विक्षिप्तता की हालत में घर से निकल गई थी। परिजन उसकी तलाश में काफी भटके लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच नेपाल के मोरंग जिले में स्थित मानवसेवा आश्रम बिराटनगर में काजल के होने की सूचना श्रद्धा फाउंडेशन को मिली। संस्था के संस्थापक एवं वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. भरत वटवानी के मार्गदर्शन में काजल को आश्रम से लाकर उपचार कराया गया।
उपचार के बाद संस्था की सोशल वर्कर मयुरी भोंग और पल्लवी जाधव ने काजल को गुरुवार को उसके घर सही-सलामत पहुंचाया। अपनी बेटी को इतने अरसे बाद देखकर परिजन भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़े। गांव के लोग भी इस मिलन को देखकर गदगद हो उठे।
स्थानीय निवासियों ने श्रद्धा फाउंडेशन के इस मानवीय कार्य की दिल से सराहना की और दोनों महिला कर्मियों को धन्यवाद दिया। संस्था के कार्यों की चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि यह संगठन सड़कों पर भटकते मानसिक रोगियों को सहारा देता है और उनका उपचार कर उन्हें उनके घर पहुंचाता है। काजल की सकुशल घर वापसी इसी प्रयास का परिणाम है।
सारस न्यूज़, अररिया।
श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन महाराष्ट्र ने निभाई मानवता की मिसाल
भरगामा प्रखंड के जगता स्थित महादलित टोला में गुरुवार को भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला, जब करीब ढाई साल पहले अपने घर से लापता हुई एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती अपने परिवार से आकर मिली। यह अद्भुत कार्य महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले स्थित कर्जत की श्रद्धा रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन द्वारा किया गया।
बताया गया कि जगता पंचायत के बरौहुआ महादलित टोला निवासी बिंचू ऋषिदेव की पुत्री काजल कुमारी करीब 2.5 वर्ष पूर्व मानसिक विक्षिप्तता की हालत में घर से निकल गई थी। परिजन उसकी तलाश में काफी भटके लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच नेपाल के मोरंग जिले में स्थित मानवसेवा आश्रम बिराटनगर में काजल के होने की सूचना श्रद्धा फाउंडेशन को मिली। संस्था के संस्थापक एवं वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. भरत वटवानी के मार्गदर्शन में काजल को आश्रम से लाकर उपचार कराया गया।
उपचार के बाद संस्था की सोशल वर्कर मयुरी भोंग और पल्लवी जाधव ने काजल को गुरुवार को उसके घर सही-सलामत पहुंचाया। अपनी बेटी को इतने अरसे बाद देखकर परिजन भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़े। गांव के लोग भी इस मिलन को देखकर गदगद हो उठे।
स्थानीय निवासियों ने श्रद्धा फाउंडेशन के इस मानवीय कार्य की दिल से सराहना की और दोनों महिला कर्मियों को धन्यवाद दिया। संस्था के कार्यों की चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि यह संगठन सड़कों पर भटकते मानसिक रोगियों को सहारा देता है और उनका उपचार कर उन्हें उनके घर पहुंचाता है। काजल की सकुशल घर वापसी इसी प्रयास का परिणाम है।
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