भरगामा प्रखंड मुख्यालय पर शुक्रवार को स्वच्छता अभियान में लगे सफाईकर्मियों ने अपनी लंबित मानदेय राशि की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सफाईकर्मियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में लगातार सेवा देने के बावजूद उन्हें अब तक एक बार भी मानदेय नहीं मिला है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
प्रदर्शन में शामिल सफाईकर्मियों का कहना था कि वे रोजाना ठेला और रिक्शा पर कचरा उठाकर नगर और पंचायत क्षेत्र को साफ रखने का काम कर रहे हैं। लेकिन महीनों की कड़ी मेहनत के बाद भी जब मजदूरी का भुगतान न हो तो हताशा होना स्वाभाविक है। कई कर्मियों ने बताया कि उन्हें परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है और अब हालत यह है कि घर में राशन तक जुटाना मुश्किल हो गया है।
प्रदर्शन में सुरेश राम, मो. अलाउद्दीन, राजू शर्मा, मो. अयूब, देवेंद्र शर्मा, विजेंद्र शर्मा, कमलेश्वरी शर्मा, गुलाबचंद चौपाल, उर्मिला देवी, कुमोद मंडल, संतोष शर्मा, मुन्ना ऋषिदेव, राजेश चौपाल, सुशील शर्मा और अशोक मेहता समेत कई सफाईकर्मी शामिल थे। सभी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई छूट रही है, बीमारियों में दवा तक मयस्सर नहीं हो रही और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना भी कठिन होता जा रहा है।
कर्मियों ने प्रशासन और संबंधित विभाग से मांग की कि उनका लंबित मानदेय तुरंत जारी किया जाए ताकि वे अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो वे कार्य बहिष्कार कर व्यापक आंदोलन करेंगे, जिससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है और आम लोगों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
सफाईकर्मियों ने यह भी कहा कि सरकार जब स्वच्छता को प्राथमिकता देती है, तो ऐसे में सफाईकर्मियों की अनदेखी करना न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि अन्याय भी है।
सारस न्यूज़, अररिया।
भरगामा प्रखंड मुख्यालय पर शुक्रवार को स्वच्छता अभियान में लगे सफाईकर्मियों ने अपनी लंबित मानदेय राशि की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सफाईकर्मियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में लगातार सेवा देने के बावजूद उन्हें अब तक एक बार भी मानदेय नहीं मिला है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
प्रदर्शन में शामिल सफाईकर्मियों का कहना था कि वे रोजाना ठेला और रिक्शा पर कचरा उठाकर नगर और पंचायत क्षेत्र को साफ रखने का काम कर रहे हैं। लेकिन महीनों की कड़ी मेहनत के बाद भी जब मजदूरी का भुगतान न हो तो हताशा होना स्वाभाविक है। कई कर्मियों ने बताया कि उन्हें परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है और अब हालत यह है कि घर में राशन तक जुटाना मुश्किल हो गया है।
प्रदर्शन में सुरेश राम, मो. अलाउद्दीन, राजू शर्मा, मो. अयूब, देवेंद्र शर्मा, विजेंद्र शर्मा, कमलेश्वरी शर्मा, गुलाबचंद चौपाल, उर्मिला देवी, कुमोद मंडल, संतोष शर्मा, मुन्ना ऋषिदेव, राजेश चौपाल, सुशील शर्मा और अशोक मेहता समेत कई सफाईकर्मी शामिल थे। सभी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई छूट रही है, बीमारियों में दवा तक मयस्सर नहीं हो रही और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना भी कठिन होता जा रहा है।
कर्मियों ने प्रशासन और संबंधित विभाग से मांग की कि उनका लंबित मानदेय तुरंत जारी किया जाए ताकि वे अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो वे कार्य बहिष्कार कर व्यापक आंदोलन करेंगे, जिससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो सकती है और आम लोगों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।
सफाईकर्मियों ने यह भी कहा कि सरकार जब स्वच्छता को प्राथमिकता देती है, तो ऐसे में सफाईकर्मियों की अनदेखी करना न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि अन्याय भी है।
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