सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 52वीं वाहिनी, अररिया द्वारा क्षेत्रीय मुख्यालय पूर्णिया के सहयोग से मधुबनी गांव में छह दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह प्रशिक्षण बाह्य सीमा चौकी मधुबनी के अंतर्गत सामुदायिक भवन में आयोजित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण की निगरानी कमांडेंट महेंद्र प्रताप के दिशा-निर्देश और सहायक कमांडेंट मोहित भार्गव के मार्गदर्शन में की जा रही है। प्रशिक्षण सत्र में मधुबनी गांव के 23 ग्रामीण हिस्सा ले रहे हैं। उप कमांडेंट डॉ. घनश्याम पटेल, जो कि पशु चिकित्सा अधिकारी हैं, उन्हें आगामी छह दिनों तक डेयरी व्यवसाय, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की तकनीकों की जानकारी देंगे।
सहायक कमांडेंट मोहित भार्गव ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सीमावर्ती ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाना है ताकि वे डेयरी फार्मिंग के जरिए स्थायी आय अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से ग्रामीण अपने दुधारू पशुओं की बेहतर देखभाल कर सकेंगे और दूध उत्पादन में भी इजाफा होगा, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रतिभागियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, श्री अन्न (मोटे अनाज) के महत्व और उसके उपयोग, तथा नशे के दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में गांव के उप मुखिया अरुण सिंह, वार्ड पार्षद राज कुमार, मधुबनी कैंप के प्रभारी सहायक उप निरीक्षक अशोक ठाकुर, मुआ पशु चिकित्सा अधिकारी मुकेश कुमार, आरक्षी योगेश कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
यह प्रशिक्षण ग्रामीणों को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे वे अपने गांव में ही स्वरोजगार की मजबूत राह पर आगे बढ़ सकें।
सारस न्यूज़, अररिया।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 52वीं वाहिनी, अररिया द्वारा क्षेत्रीय मुख्यालय पूर्णिया के सहयोग से मधुबनी गांव में छह दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह प्रशिक्षण बाह्य सीमा चौकी मधुबनी के अंतर्गत सामुदायिक भवन में आयोजित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण की निगरानी कमांडेंट महेंद्र प्रताप के दिशा-निर्देश और सहायक कमांडेंट मोहित भार्गव के मार्गदर्शन में की जा रही है। प्रशिक्षण सत्र में मधुबनी गांव के 23 ग्रामीण हिस्सा ले रहे हैं। उप कमांडेंट डॉ. घनश्याम पटेल, जो कि पशु चिकित्सा अधिकारी हैं, उन्हें आगामी छह दिनों तक डेयरी व्यवसाय, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन की तकनीकों की जानकारी देंगे।
सहायक कमांडेंट मोहित भार्गव ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य सीमावर्ती ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाना है ताकि वे डेयरी फार्मिंग के जरिए स्थायी आय अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से ग्रामीण अपने दुधारू पशुओं की बेहतर देखभाल कर सकेंगे और दूध उत्पादन में भी इजाफा होगा, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रतिभागियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, श्री अन्न (मोटे अनाज) के महत्व और उसके उपयोग, तथा नशे के दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में गांव के उप मुखिया अरुण सिंह, वार्ड पार्षद राज कुमार, मधुबनी कैंप के प्रभारी सहायक उप निरीक्षक अशोक ठाकुर, मुआ पशु चिकित्सा अधिकारी मुकेश कुमार, आरक्षी योगेश कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
यह प्रशिक्षण ग्रामीणों को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे वे अपने गांव में ही स्वरोजगार की मजबूत राह पर आगे बढ़ सकें।
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