पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान शनिवार को उस समय जनसैलाब में तब्दील हो गया जब वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने एक विशाल और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इमारत-ए-शरिया के बैनर तले आयोजित इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में अनुमानित 12 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े मुद्दों पर किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ समुदाय को मंज़ूर नहीं।
यह प्रदर्शन बिहार के बीते 13 वर्षों के इतिहास का सबसे बड़ा जनआंदोलन माना जा रहा है। गांधी मैदान का हर कोना लोगों से भरा हुआ था, और मैदान के बाहर की सड़कों पर भी भारी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद थे। यह भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक और सामाजिक अस्तित्व पर सीधा हमला मानता है।
प्रदर्शन में विभिन्न धर्मगुरु, सामाजिक संगठनों, मुस्लिम व हिंदू नेतृत्वकर्ता शामिल हुए। वक्ताओं ने मंच से केंद्र सरकार से दो टूक मांग रखी कि वक्फ संशोधन बिल को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने जनभावनाओं की उपेक्षा की तो देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलन खड़ा हो सकता है।
यह उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। फिर भी गांधी मैदान का यह शांतिपूर्ण लेकिन शक्तिशाली प्रदर्शन न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार, यह आंदोलन आने वाले दिनों में अधिक व्यापक और तेज़ हो सकता है। प्रदर्शन में शामिल लोगों की संयमित लेकिन स्पष्ट आवाज़ ने सरकार के समक्ष एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
पटना, 29 जून 2025
पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान शनिवार को उस समय जनसैलाब में तब्दील हो गया जब वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने एक विशाल और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इमारत-ए-शरिया के बैनर तले आयोजित इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में अनुमानित 12 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी ने केंद्र सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े मुद्दों पर किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ समुदाय को मंज़ूर नहीं।
यह प्रदर्शन बिहार के बीते 13 वर्षों के इतिहास का सबसे बड़ा जनआंदोलन माना जा रहा है। गांधी मैदान का हर कोना लोगों से भरा हुआ था, और मैदान के बाहर की सड़कों पर भी भारी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद थे। यह भीड़ इस बात की गवाही दे रही थी कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक और सामाजिक अस्तित्व पर सीधा हमला मानता है।
प्रदर्शन में विभिन्न धर्मगुरु, सामाजिक संगठनों, मुस्लिम व हिंदू नेतृत्वकर्ता शामिल हुए। वक्ताओं ने मंच से केंद्र सरकार से दो टूक मांग रखी कि वक्फ संशोधन बिल को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने जनभावनाओं की उपेक्षा की तो देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलन खड़ा हो सकता है।
यह उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। फिर भी गांधी मैदान का यह शांतिपूर्ण लेकिन शक्तिशाली प्रदर्शन न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहा है।
राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषकों के अनुसार, यह आंदोलन आने वाले दिनों में अधिक व्यापक और तेज़ हो सकता है। प्रदर्शन में शामिल लोगों की संयमित लेकिन स्पष्ट आवाज़ ने सरकार के समक्ष एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
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