केंद्र सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी घोषणा कर दी। सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही उनके राजनीति में कदम बढ़ाने के खिलाफ साजिशें रची जा रही हों, लेकिन वे पीछे नहीं हटने वाले हैं।
चिराग पासवान ने कहा, “मेरा सपना है कि बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाऊं। मैं एक ऐसा राज्य देखना चाहता हूं, जहां हमारे नौजवानों को रोजगार और पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत न पड़े, बल्कि दूसरे प्रदेशों के लोग बिहार आएं।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी इसी सोच से कुछ लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। “कई लोग सिर्फ अपनी कुर्सियां सुरक्षित करने में खुश हैं। मेरी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की सोच से उन्हें डर है कि कहीं यह जनता के बीच लोकप्रिय न हो जाए। इसलिए मेरे खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है कि मैं विधानसभा चुनाव में उतरूंगा भी या नहीं,” उन्होंने कहा।
“मैं आज सारण की इस ऐतिहासिक धरती से साफ कर रहा हूं – हां, मैं चुनाव लड़ूंगा। राज्य की सभी 243 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारूंगा और पूरी ताकत से लड़ाई लड़ूंगा,” चिराग पासवान ने यह भी जोड़ा कि उनकी कोई मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं है।
हालांकि, उन्होंने हाल में पटना में चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “हम जिस सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उसकी साख सुशासन के लिए रही है। लेकिन इस तरह की घटनाएं चिंता बढ़ाती हैं।”
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बेहद अहम है और जीत के बाद उनकी प्राथमिकता सुरक्षित माहौल बनाना होगा, जिसमें कोई भी नागरिक बेखौफ घर से बाहर निकल सके।
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस पर भी उन्होंने इशारों में तंज कसा। चिराग ने कहा, “मुझे मेरी ही पार्टी से निकाल दिया गया और अपना ही घर खाली करने को मजबूर किया गया।” गौरतलब है कि 2021 में पारस ने लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ा था और खुद मोदी सरकार में मंत्री बन गए थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने चिराग को फिर साथ ले लिया, जिसके बाद पारस ने एनडीए से इस्तीफा दे दिया।
रैली में उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और कहा, “जो लोग नौकरी दिलाने के नाम पर जमीन हड़पते थे, वे अब युवाओं को मुफ्त में पेन बांट रहे हैं।” यह टिप्पणी उन्होंने तेजस्वी के ‘छात्र युवा संसद’ अभियान पर तंज कसते हुए की।
चिराग ने यह भी कहा कि वे बिहार में डोमिसाइल नीति का पूरी तरह समर्थन करते हैं। “हमारे युवाओं का हक सुरक्षित रहना चाहिए। लेकिन यह भी याद रखना होगा कि 2006 में लाई गई डोमिसाइल नीति 2023 में रद्द कर दी गई, जब राजद सत्ता में भागीदार था,” उन्होंने जोड़ा।
कांग्रेस के ‘विरासत टैक्स’ प्रस्ताव पर भी उन्होंने जनता को आगाह किया और कहा कि विपक्षी गठबंधन की मंशा को समझना जरूरी है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
केंद्र सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी घोषणा कर दी। सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भले ही उनके राजनीति में कदम बढ़ाने के खिलाफ साजिशें रची जा रही हों, लेकिन वे पीछे नहीं हटने वाले हैं।
चिराग पासवान ने कहा, “मेरा सपना है कि बिहार को नई ऊंचाइयों तक ले जाऊं। मैं एक ऐसा राज्य देखना चाहता हूं, जहां हमारे नौजवानों को रोजगार और पढ़ाई के लिए बाहर जाने की जरूरत न पड़े, बल्कि दूसरे प्रदेशों के लोग बिहार आएं।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी इसी सोच से कुछ लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। “कई लोग सिर्फ अपनी कुर्सियां सुरक्षित करने में खुश हैं। मेरी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की सोच से उन्हें डर है कि कहीं यह जनता के बीच लोकप्रिय न हो जाए। इसलिए मेरे खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है कि मैं विधानसभा चुनाव में उतरूंगा भी या नहीं,” उन्होंने कहा।
“मैं आज सारण की इस ऐतिहासिक धरती से साफ कर रहा हूं – हां, मैं चुनाव लड़ूंगा। राज्य की सभी 243 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारूंगा और पूरी ताकत से लड़ाई लड़ूंगा,” चिराग पासवान ने यह भी जोड़ा कि उनकी कोई मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं है।
हालांकि, उन्होंने हाल में पटना में चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “हम जिस सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उसकी साख सुशासन के लिए रही है। लेकिन इस तरह की घटनाएं चिंता बढ़ाती हैं।”
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बेहद अहम है और जीत के बाद उनकी प्राथमिकता सुरक्षित माहौल बनाना होगा, जिसमें कोई भी नागरिक बेखौफ घर से बाहर निकल सके।
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस पर भी उन्होंने इशारों में तंज कसा। चिराग ने कहा, “मुझे मेरी ही पार्टी से निकाल दिया गया और अपना ही घर खाली करने को मजबूर किया गया।” गौरतलब है कि 2021 में पारस ने लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ा था और खुद मोदी सरकार में मंत्री बन गए थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने चिराग को फिर साथ ले लिया, जिसके बाद पारस ने एनडीए से इस्तीफा दे दिया।
रैली में उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और कहा, “जो लोग नौकरी दिलाने के नाम पर जमीन हड़पते थे, वे अब युवाओं को मुफ्त में पेन बांट रहे हैं।” यह टिप्पणी उन्होंने तेजस्वी के ‘छात्र युवा संसद’ अभियान पर तंज कसते हुए की।
चिराग ने यह भी कहा कि वे बिहार में डोमिसाइल नीति का पूरी तरह समर्थन करते हैं। “हमारे युवाओं का हक सुरक्षित रहना चाहिए। लेकिन यह भी याद रखना होगा कि 2006 में लाई गई डोमिसाइल नीति 2023 में रद्द कर दी गई, जब राजद सत्ता में भागीदार था,” उन्होंने जोड़ा।
कांग्रेस के ‘विरासत टैक्स’ प्रस्ताव पर भी उन्होंने जनता को आगाह किया और कहा कि विपक्षी गठबंधन की मंशा को समझना जरूरी है।