लोहिया स्वच्छता अभियान फेज-2 के तहत कार्यरत स्वच्छता पर्यवेक्षक कर्मियों ने लंबे समय से लंबित अपने मानदेय और भत्ते को लेकर जिला पदाधिकारी अनिल कुमार से न्याय की गुहार लगाई है। इन कर्मियों का कहना है कि वे बिहार मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतर्गत बीएलओ के साथ सहयोगी के रूप में मेहनत से काम कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से न तो उन्हें नियमित मानदेय मिला है और न ही किसी प्रकार का टीए-डीए।
स्वच्छता पर्यवेक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सरफराज आलम ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पंचायत स्तर पर एसएलडब्ल्यूएम योजना के अंतर्गत ये कर्मी तीन वर्षों से सतत कार्यरत हैं। बावजूद इसके, बीते दो वर्षों से वे मानदेय से वंचित हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि 30 जून को जिला स्तर से और 1 जुलाई को बीडीओ कार्यालय से मिले निर्देशों के अनुसार वे SIR प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, फिर भी उन्हें न तो अतिरिक्त भत्ता मिल रहा है और न ही कोई सुविधा।
संघ ने मांग की है कि उनका बकाया मानदेय जल्द से जल्द जारी किया जाए और वर्तमान में हो रहे अतिरिक्त कार्य के लिए अलग से भत्ता भी मुहैया कराया जाए। साथ ही इस विषय में उप विकास आयुक्त एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी पत्र सौंपकर ध्यान आकृष्ट किया गया है।
इस दौरान शम्स रेजा, सुजीत कुमार, रंजन कुमार, गुफरान आलम, राहुल कुमार, रघुनंदन सिंह समेत कई अन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।
सारस न्यूज़, अररिया।
लोहिया स्वच्छता अभियान फेज-2 के तहत कार्यरत स्वच्छता पर्यवेक्षक कर्मियों ने लंबे समय से लंबित अपने मानदेय और भत्ते को लेकर जिला पदाधिकारी अनिल कुमार से न्याय की गुहार लगाई है। इन कर्मियों का कहना है कि वे बिहार मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतर्गत बीएलओ के साथ सहयोगी के रूप में मेहनत से काम कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से न तो उन्हें नियमित मानदेय मिला है और न ही किसी प्रकार का टीए-डीए।
स्वच्छता पर्यवेक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सरफराज आलम ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पंचायत स्तर पर एसएलडब्ल्यूएम योजना के अंतर्गत ये कर्मी तीन वर्षों से सतत कार्यरत हैं। बावजूद इसके, बीते दो वर्षों से वे मानदेय से वंचित हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि 30 जून को जिला स्तर से और 1 जुलाई को बीडीओ कार्यालय से मिले निर्देशों के अनुसार वे SIR प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, फिर भी उन्हें न तो अतिरिक्त भत्ता मिल रहा है और न ही कोई सुविधा।
संघ ने मांग की है कि उनका बकाया मानदेय जल्द से जल्द जारी किया जाए और वर्तमान में हो रहे अतिरिक्त कार्य के लिए अलग से भत्ता भी मुहैया कराया जाए। साथ ही इस विषय में उप विकास आयुक्त एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी पत्र सौंपकर ध्यान आकृष्ट किया गया है।
इस दौरान शम्स रेजा, सुजीत कुमार, रंजन कुमार, गुफरान आलम, राहुल कुमार, रघुनंदन सिंह समेत कई अन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।
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