— जमुआन के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नाराज़गी का फूटा गुबार
भरगामा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, जमुआन में लंबे समय से चली आ रही अव्यवस्थाओं और मध्यान्ह भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर शुक्रवार को अभिभावकों का सब्र टूट गया। दर्जनों अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
अभिभावकों का आरोप था कि विद्यालय में न तो स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है, न शौचालय की समुचित व्यवस्था है, और न ही बच्चों को समय पर व पौष्टिक मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। उनका कहना है कि कई बार बच्चों को दिए जा रहे भोजन में न तो सफाई का ख्याल रखा गया और न ही पोषण का। इससे बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदर्शन करने वालों में नीतू देवी, सुरेश मंडल, विपिन मंडल, दिलीप मंडल, दीनदयाल भगत, तेजनारायण मंडल, कृष्णनंदन मंडल, विजय मंडल, रुदियानंद मंडल, सोनू कुमार, महरगी मंडल, वकील मंडल, नीतीश, सुशील मंडल आदि शामिल रहे। उन्होंने कहा, “हम अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजते हैं, लेकिन यहां न तो सफाई है, न पीने के पानी की व्यवस्था और न ही शौचालय काम कर रहे हैं। ऊपर से भोजन की हालत बेहद खराब है।”
संजय मंडल, एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि विद्यालय में रखरखाव सिर्फ कागजों पर हो रहा है, ज़मीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखता।
इस संबंध में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक बालेश्वर रजक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “मध्यान्ह भोजन निर्धारित मेनू के अनुसार ही दिया जाता है। आज थोड़ी चूक हो गई होगी।” वहीं, जब एक शिक्षिका सविता कुमारी की अनुपस्थिति और शौचालय में ताले के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिभूषण सुमन ने कहा कि, “इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित शिक्षकों और कर्मियों पर उचित कार्रवाई की जायेगी।
सारस न्यूज़, अररिया।
— जमुआन के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नाराज़गी का फूटा गुबार
भरगामा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, जमुआन में लंबे समय से चली आ रही अव्यवस्थाओं और मध्यान्ह भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर शुक्रवार को अभिभावकों का सब्र टूट गया। दर्जनों अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
अभिभावकों का आरोप था कि विद्यालय में न तो स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है, न शौचालय की समुचित व्यवस्था है, और न ही बच्चों को समय पर व पौष्टिक मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। उनका कहना है कि कई बार बच्चों को दिए जा रहे भोजन में न तो सफाई का ख्याल रखा गया और न ही पोषण का। इससे बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदर्शन करने वालों में नीतू देवी, सुरेश मंडल, विपिन मंडल, दिलीप मंडल, दीनदयाल भगत, तेजनारायण मंडल, कृष्णनंदन मंडल, विजय मंडल, रुदियानंद मंडल, सोनू कुमार, महरगी मंडल, वकील मंडल, नीतीश, सुशील मंडल आदि शामिल रहे। उन्होंने कहा, “हम अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजते हैं, लेकिन यहां न तो सफाई है, न पीने के पानी की व्यवस्था और न ही शौचालय काम कर रहे हैं। ऊपर से भोजन की हालत बेहद खराब है।”
संजय मंडल, एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि विद्यालय में रखरखाव सिर्फ कागजों पर हो रहा है, ज़मीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं दिखता।
इस संबंध में जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक बालेश्वर रजक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “मध्यान्ह भोजन निर्धारित मेनू के अनुसार ही दिया जाता है। आज थोड़ी चूक हो गई होगी।” वहीं, जब एक शिक्षिका सविता कुमारी की अनुपस्थिति और शौचालय में ताले के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिभूषण सुमन ने कहा कि, “इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित शिक्षकों और कर्मियों पर उचित कार्रवाई की जायेगी।