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किशनगंज में “डायरिया मुक्त बचपन” की शुरुआत — दो महीने का विशेष स्वास्थ्य संरक्षण अभियान प्रारंभ।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

15 जुलाई से 14 सितंबर तक जिलेभर में चलेगा बचाव, जागरूकता और सेवा का समग्र मिशन
प्रत्येक पंचायत तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवाएं, हर बच्चे की सुरक्षा का लिया गया प्रण

किशनगंज | 15 जुलाई 2025
किशनगंज जिले में डायरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ एक व्यापक और निर्णायक लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। ‘स्टॉप डायरिया अभियान-2025’ के तहत आज से दो माह की विशेष पहल का शुभारंभ हुआ, जिसका उद्देश्य है — 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डायरिया से पूरी तरह सुरक्षित बनाना।

इस जनस्वास्थ्य मिशन को केवल चिकित्सा अभियान नहीं, बल्कि “जनजागरूकता आंदोलन” के रूप में शुरू किया गया है, जिसकी कमान खुद जिलाधिकारी श्री विशाल राज के नेतृत्व में सभी विभागों को सौंपी गई है। स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा, आईसीडीएस, पेयजल, नगर निकाय, जीविका, पंचायत और ग्रामीण विकास विभागों को भी अभियान में सम्मिलित किया गया है।


हर प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्रों से हुआ अभियान का शुभारंभ

जिले के सभी प्रखंडों में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों की देखरेख में स्वास्थ्य संस्थानों से इस अभियान की शुरुआत हुई। आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं, जीविका दीदियों, पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्थानीय नागरिकों की बड़ी भागीदारी देखी गई।

ठाकुरगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एख्लाकुर रहमान ने शुभारंभ अवसर पर कहा —

“डायरिया एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह रोका जा सकता है। यदि हर मां को समय पर ओआरएस और जिंक मिले, तो किसी भी बच्चे की जान नहीं जाएगी। यह केवल औषधीय वितरण नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा का सामाजिक संकल्प है।”


घर-घर पहुंच रही हैं आशा कार्यकर्ताएं — समझा रहीं सुरक्षा के सूत्र

आज से जिलेभर में आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है। वे न सिर्फ ओआरएस और जिंक किट का वितरण कर रही हैं, बल्कि परिवारों को यह भी सिखा रही हैं कि डायरिया के लक्षण क्या हैं, इलाज कब लेना है, और घरेलू सुरक्षा उपाय क्या हो सकते हैं।

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया:

“यह अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगा। हर कर्मी ग्रामीणों के बीच पूर्ण संवेदनशीलता से कार्य कर रहा है, ताकि कोई भी बच्चा जानकारी या इलाज के अभाव में खतरे में न पड़े।”


जागरूकता रथ बन रहा बच्चों के लिए चलती-फिरती सुरक्षा पाठशाला

सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा रवाना किया गया ई-रिक्शा आधारित जागरूकता रथ जिले के विभिन्न गांवों, स्कूलों और पंचायतों तक पहुंचकर ऑडियो संदेशों, पोस्टर, फ्लेक्स, लाइव डेमो और संवाद के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को शिक्षित कर रहा है।

सिविल सर्जन ने कहा —

“हम चाहते हैं कि यह रथ सिर्फ प्रचार न करे, बल्कि हर परिवार के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव बनाए। बच्चों की सेहत ही समाज की बुनियाद है।”


हर विभाग को दी गई स्पष्ट भूमिका — अभियान बना आदर्श समन्वय मॉडल

यह पहली बार है जब एक विशिष्ट स्वास्थ्य विषय पर बहु-विभागीय एकजुटता को मिशन मोड में अमल में लाया गया है:

  • स्वास्थ्य विभाग: किट वितरण, इलाज व परामर्श
  • आईसीडीएस: पोषण सलाह, मातृ-शिशु संवाद
  • शिक्षा विभाग: स्कूलों में स्वच्छता एवं सुरक्षित व्यवहारों की शिक्षा
  • जल-नल और नगर निकाय: पेयजल स्रोतों की सफाई व परीक्षण
  • ग्रामीण विकास और जीविका: समुदाय स्तर पर जन-जागरूकता अभियान

पूर्व-चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र — जैसे बाढ़ प्रभावित गांव, शहरी झुग्गियां, सीमावर्ती इलाकों में विशेष स्वास्थ्य जांच व वितरण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा:

“सिर्फ पहुंचना नहीं, असरदार बदलाव हमारा लक्ष्य है। जहां अधिक जोखिम है, वहां तैयारी और गहन निगरानी की व्यवस्था भी सख्त है।”


डीएम की भावुक अपील — “हर मां जागरूक हो, हर बच्चा सुरक्षित रहे”

जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने जिले के नागरिकों से अपील की:

“ओआरएस घोल और 14 जिंक टैबलेट किसी मासूम की जान बचा सकते हैं। समाज जब जागरूक होगा तभी अभियान सफल होगा। हर मां तक सही जानकारी पहुंचे — यही हमारी जिम्मेदारी है।”


किशनगंज का संकल्प

🛑 “दस्त से नहीं जाएगी कोई जान — सुरक्षित बचपन हमारा अभियान”
💊 “हर घर पहुंचे ओआरएस-जिंक, हर मां तक पहुंचे जानकारी”
📅 “15 जुलाई से 14 सितंबर — समर्पित दो माह, हर बच्चे की सेहत के नाम”


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