सारस न्यूज़, किशनगंज।
यह बिहार की पावन भूमि,
दामन भारत माँ का है।
करुणा बोध मिली जग को,
यह वरदान यहाँ का है।
भूमि वीर कुंवर सिंह कि यह,
विश्वामित्र का आश्रम है।
जन्मे जहाँ वीर बजरंगी,
माँ सीता का आँगन है।
जहाँ गुजारा पांडव ने,
बारह वर्षों का बनवास।
माखन चोर के रथ का पहिया,
अभी तलक है जिसके पास।
जहाँ की लीची और आम का,
डंका जग में बोल रहा।
जग में मगही पान जहाँ का,
मुँह में रस है घोल रहा।
नालंदा सा ज्ञानपीठ है,
जिससे जग में उजियारा है।
धन्य-धन्य यह पावन भूमि,
यह”बिहार”हमारा है ।
जय बिहार
स्वरचित
बिंदु अग्रवाल
शिक्षिका
मध्य विद्यालय गलगलिया