बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनो के कल्याण के लिए चलाई जा रही “निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना” के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति किसी दिव्यांग महिला या पुरुष से विवाह करता है, तो सरकार उसे ₹1,00,000 की अनुदान राशि देती है।
योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक रूप से सम्मान और बराबरी दिलाना है। यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हों, तो दोनों को यह आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही यह योजना अंतरजातीय विवाह पर भी लागू होती है, जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।
सरकार का मानना है कि “हर वह विवाह जो भेदभाव को तोड़ता है, वह समाज को इंसानियत का नया रास्ता दिखाता है।” यह पहल न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में समावेशिता और समानता का संदेश भी देती है।
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनो के कल्याण के लिए चलाई जा रही “निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना” के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति किसी दिव्यांग महिला या पुरुष से विवाह करता है, तो सरकार उसे ₹1,00,000 की अनुदान राशि देती है।
योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सामाजिक रूप से सम्मान और बराबरी दिलाना है। यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हों, तो दोनों को यह आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही यह योजना अंतरजातीय विवाह पर भी लागू होती है, जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।
सरकार का मानना है कि “हर वह विवाह जो भेदभाव को तोड़ता है, वह समाज को इंसानियत का नया रास्ता दिखाता है।” यह पहल न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में समावेशिता और समानता का संदेश भी देती है।
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