सारस न्यूज़, किशनगंज।
— स्वास्थ्य संवाददाता
आज की तेज़ भागदौड़ वाली ज़िंदगी और बदलती खानपान की आदतों ने एसीडिटी और गैस जैसी समस्याओं को बेहद आम बना दिया है। एक ओर जहां लोग इसे हल्के में लेते हैं, वहीं दूसरी ओर यह छोटी सी लगने वाली परेशानी भविष्य में बड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
पेट में जलन, भारीपन, डकारें, पेट फूलना और कभी-कभी सिर दर्द जैसी समस्याएं गैस्ट्रिक डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं। आइए समझते हैं कि इसके पीछे की वजहें क्या हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
🔍 एसीडिटी और गैस के मुख्य कारण:
- अनियमित भोजन – समय पर खाना न खाना या भूखा रह जाना एसिड बनने की प्रक्रिया को बिगाड़ देता है।
- बहुत तला-भुना या मसालेदार खाना – ये चीज़ें पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ाती हैं और गैस बनाती हैं।
- तनाव और चिंता – मानसिक तनाव का सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है।
- अत्यधिक चाय, कॉफी या सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन – ये पेट की अम्लता को बढ़ा देते हैं।
- धूम्रपान और शराब – ये न केवल गैस बनाते हैं बल्कि आंतों की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करते हैं।
- नींद की कमी और देर रात खाना – रात में भोजन के तुरंत बाद सोने से पाचन धीमा होता है और गैस बनती है।
🛡️ बचाव के घरेलू और आसान उपाय:
- नींबू पानी या सादा गुनगुना पानी – सुबह खाली पेट पीना पेट साफ़ रखने में मदद करता है।
- सौंफ और मिश्री का सेवन – खाने के बाद चबाने से गैस और बदहजमी से राहत मिलती है।
- हींग का पानी – एक चुटकी हींग को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से पेट की गैस कम होती है।
- अदरक और शहद – अदरक का रस शहद में मिलाकर लेना पेट की जलन और गैस में आराम देता है।
- छाछ या दही – प्रोबायोटिक्स पेट को ठंडक देते हैं और पाचन सुधारते हैं।
🍽️ गैस और एसीडिटी से पीड़ित लोगों के लिए आदर्श डाइट चार्ट:
| समय | क्या खाएं/पीएं |
|---|---|
| सुबह खाली पेट | गुनगुना पानी + 4-5 तुलसी पत्ते या 1 चम्मच शहद के साथ नींबू पानी |
| नाश्ता (8-9 AM) | ओट्स, दलिया, मूंग दाल चीला, उबले अंडे या फल (जैसे पपीता, केला), नारियल पानी |
| मिड-मॉर्निंग | छाछ, सादा दही या एक मुट्ठी भुने चने |
| दोपहर का भोजन | सादी रोटी, हल्की दाल, सब्ज़ी (कद्दू, लौकी, टिंडा), सलाद (खीरा, गाजर) |
| शाम (4-5 PM) | ग्रीन टी या सौंफ-धनिया का काढ़ा + मुरमुरा/फल |
| रात का खाना (7-8 PM) | सादा खिचड़ी, हरी सब्जी + छाछ या हल्का दलिया |
| सोने से पहले | 1 कप गुनगुना पानी या अजवाइन का पानी |
🚫 क्या न खाएं:
- तीखा, बहुत तला-भुना भोजन
- जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स
- चाय-कॉफी का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन
- प्याज-लहसुन से बने बहुत मसालेदार व्यंजन
- देर रात भारी भोजन
⚠️ कब सतर्क हो जाएं?
अगर गैस और एसीडिटी बार-बार हो रही है, और साथ में उल्टी, तेज़ दर्द, वजन कम होना या खून की उल्टी जैसी समस्याएं दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये अल्सर, एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रिक कैंसर जैसे बड़े रोगों का संकेत भी हो सकते हैं।
🧘♂️ जीवनशैली में करें ये बदलाव:
- खाने के समय नियमितता बनाए रखें
- हर दिन कम से कम 20-30 मिनट टहलें या योग करें
- भोजन के तुरंत बाद न सोएं
- टीवी देखते हुए या मोबाइल पर ध्यान लगाकर खाना न खाएं
- ज्यादा स्ट्रेस से बचें और नींद पूरी लें
📌 निष्कर्ष:
गैस और एसीडिटी मामूली समस्या लगती है, लेकिन जब यह बार-बार होती है तो शरीर का संतुलन बिगाड़ सकती है। सही खानपान, समय पर भोजन, और देसी उपायों के साथ इस पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। अगर समस्या लगातार बनी रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना ही समझदारी है।
