नक्सलबाड़ी: विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर भारत-नेपाल सीमा पर 8वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा एक विशेष समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। खपरैल स्थित सुबलजोत की सीमा चौकियों — पशुपति फाटक और बारामानीरामजोत — पर आयोजित इस संयुक्त कार्यक्रम में एसएसबी और नेपाल की सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक का नेतृत्व एसएसबी के अधिकारी मितुल कुमार के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर रणनीतियों पर गहन चर्चा की गई। दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने पारस्परिक सहयोग, सूचना के आदान-प्रदान और संयुक्त कार्रवाई को और प्रभावी बनाने पर सहमति जताई।
बैठक में नेपाल की ओर से शमशेर बीर कार्की (उप पुलिस अधीक्षक, नेपाल प्रहरी), निरीक्षक केशर श्रेष्ठा और उप निरीक्षक सुरेश न्यूपाने शामिल हुए। भारतीय पक्ष से एसएसबी अधिकारियों के साथ स्थानीय ग्रामीण और सीमा चौकियों के कार्मिकों ने भी भाग लिया।
इस मौके पर 8वीं वाहिनी एसएसबी की ओर से वर्ष 2023 में की गई सफल कार्रवाइयों की जानकारी भी साझा की गई, जिसमें पशुपति फाटक और बारामानीरामजोत सीमा चौकियों ने तीन मानव तस्करी मामलों का पर्दाफाश किया था। इनमें दो नाबालिग बच्चों और दो महिलाओं को सुरक्षित बचाया गया था तथा दो तस्करों को गिरफ्तार कर स्थानीय पुलिस के हवाले किया गया।
बैठक में भारत और नेपाल में आगामी आम चुनावों को देखते हुए सीमा पर चौकसी बढ़ाने, असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने और समय रहते खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के उपायों पर विशेष बल दिया गया।
सभी उपस्थित सुरक्षा एजेंसियों ने अपने-अपने विचार साझा करते हुए इस बात पर बल दिया कि सीमाओं की सुरक्षा और मानवता की रक्षा के लिए दोनों देशों का सहयोग आवश्यक है। यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियां मिलकर एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ मानव तस्करी जैसे अपराध के लिए कोई जगह न हो।
अंत में यह दोहराया गया कि साझा ज़िम्मेदारी और सामूहिक प्रयासों से ही एक सुरक्षित और मानवीय समाज की स्थापना संभव है।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर भारत-नेपाल सीमा पर 8वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा एक विशेष समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। खपरैल स्थित सुबलजोत की सीमा चौकियों — पशुपति फाटक और बारामानीरामजोत — पर आयोजित इस संयुक्त कार्यक्रम में एसएसबी और नेपाल की सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक का नेतृत्व एसएसबी के अधिकारी मितुल कुमार के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर रणनीतियों पर गहन चर्चा की गई। दोनों देशों के सुरक्षा बलों ने पारस्परिक सहयोग, सूचना के आदान-प्रदान और संयुक्त कार्रवाई को और प्रभावी बनाने पर सहमति जताई।
बैठक में नेपाल की ओर से शमशेर बीर कार्की (उप पुलिस अधीक्षक, नेपाल प्रहरी), निरीक्षक केशर श्रेष्ठा और उप निरीक्षक सुरेश न्यूपाने शामिल हुए। भारतीय पक्ष से एसएसबी अधिकारियों के साथ स्थानीय ग्रामीण और सीमा चौकियों के कार्मिकों ने भी भाग लिया।
इस मौके पर 8वीं वाहिनी एसएसबी की ओर से वर्ष 2023 में की गई सफल कार्रवाइयों की जानकारी भी साझा की गई, जिसमें पशुपति फाटक और बारामानीरामजोत सीमा चौकियों ने तीन मानव तस्करी मामलों का पर्दाफाश किया था। इनमें दो नाबालिग बच्चों और दो महिलाओं को सुरक्षित बचाया गया था तथा दो तस्करों को गिरफ्तार कर स्थानीय पुलिस के हवाले किया गया।
बैठक में भारत और नेपाल में आगामी आम चुनावों को देखते हुए सीमा पर चौकसी बढ़ाने, असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने और समय रहते खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के उपायों पर विशेष बल दिया गया।
सभी उपस्थित सुरक्षा एजेंसियों ने अपने-अपने विचार साझा करते हुए इस बात पर बल दिया कि सीमाओं की सुरक्षा और मानवता की रक्षा के लिए दोनों देशों का सहयोग आवश्यक है। यह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि भारत और नेपाल की सुरक्षा एजेंसियां मिलकर एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ मानव तस्करी जैसे अपराध के लिए कोई जगह न हो।
अंत में यह दोहराया गया कि साझा ज़िम्मेदारी और सामूहिक प्रयासों से ही एक सुरक्षित और मानवीय समाज की स्थापना संभव है।
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