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उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से मची तबाही, कई मकान जमींदोज, 50 से अधिक लापता।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को एक भयावह प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपाया। बादल फटने के चलते अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके को मलबे में बदल दिया। इस हादसे में अब तक चार लोगों की जान चली गई है, जबकि 50 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है।

एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचकर युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। घटना के चश्मदीदों के अनुसार, खीर गंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने 20 से अधिक घर, होटल और होम स्टे बहा दिए। महज 30 सेकंड में पूरा इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो गया, जो लगभग 20 फीट ऊंचा बताया जा रहा है।

सड़कें, आश्रय और होटल बहे, गांव उजड़ा

बाढ़ के कारण धराली गांव में तबाही का मंजर ऐसा था कि कई मकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान देखते ही देखते बह गए। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में गांव का बड़ा हिस्सा बर्बाद होता दिख रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, तेज रफ्तार से आया पानी और मलबा गांव को अपने साथ बहा ले गया। इस दौरान कोई भी प्रतिक्रिया देने का वक्त तक नहीं मिला।

गंगोत्री यात्रा का अहम पड़ाव बना त्रासदी का केंद्र

धराली गांव, गंगोत्री धाम से लगभग 20 किलोमीटर पहले स्थित है और यह तीर्थयात्रियों का प्रमुख विश्राम स्थल है। सेब के बगीचों के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र आमतौर पर शांत रहता है। यहां बने कई आश्रम, गेस्टहाउस और होम स्टे भी इस तबाही की चपेट में आ गए हैं। गंगोत्री की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण माना जाता है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर घटना पर दुख जताया और कहा कि वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से संपर्क में हैं। उन्होंने सभी प्रभावितों की सुरक्षा और शीघ्र सहायता सुनिश्चित करने की बात कही।

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को “अत्यंत दुखद और व्यथित करने वाली” बताया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से SDRF, NDRF और जिला प्रशासन की टीमें राहत कार्य में लगी हैं और पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ अधिकारी नजर बनाए हुए हैं।


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