आज देश स्वतंत्र भारत के चौथे राष्ट्रपति, वराहगिरी वेंकट गिरी (वी. वी. गिरी) की 131वीं जयंती मना रहा है। 10 अगस्त 1894 को जन्मे वी. वी. गिरी न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि वे एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, श्रमिक नेता और संविधान के आदर्शों के सच्चे प्रहरी भी रहे।
वी. वी. गिरी का जन्म तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान ओडिशा राज्य के ब्रह्मपुर क्षेत्र) में हुआ था। वे उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया।
वे भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिन्हें जनता द्वारा चुना गया था। इससे पहले वे उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और श्रम मंत्री जैसे अहम पदों पर भी कार्य कर चुके थे। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को सदैव सर्वोपरि रखा।
प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं ने आज उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। देश भर में विभिन्न आयोजनों के माध्यम से वी. वी. गिरी के कार्यों और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।
वी. वी. गिरी को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो उनके सार्वजनिक जीवन और देश सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें नमन करता है और उनके विचारों से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
आज देश स्वतंत्र भारत के चौथे राष्ट्रपति, वराहगिरी वेंकट गिरी (वी. वी. गिरी) की 131वीं जयंती मना रहा है। 10 अगस्त 1894 को जन्मे वी. वी. गिरी न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि वे एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, श्रमिक नेता और संविधान के आदर्शों के सच्चे प्रहरी भी रहे।
वी. वी. गिरी का जन्म तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान ओडिशा राज्य के ब्रह्मपुर क्षेत्र) में हुआ था। वे उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया।
वे भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिन्हें जनता द्वारा चुना गया था। इससे पहले वे उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और श्रम मंत्री जैसे अहम पदों पर भी कार्य कर चुके थे। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को सदैव सर्वोपरि रखा।
प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं ने आज उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। देश भर में विभिन्न आयोजनों के माध्यम से वी. वी. गिरी के कार्यों और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।
वी. वी. गिरी को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो उनके सार्वजनिक जीवन और देश सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें नमन करता है और उनके विचारों से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराता है।
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