सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
किशनगंज जिले के सभी सात प्रखंडों में जीविका कपड़ा सिलाई प्रशिक्षण केंद्रों का शुभारंभ किया गया है, जहां ग्रामीण महिलाओं को कपड़ा कटिंग और सिलाई की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन केंद्रों पर कुशल प्रशिक्षक, जीविका दीदियों को सिलाई-कटाई के तकनीकी पहलुओं से परिचित करा रहे हैं, ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें।
जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका किशनगंज, अनुराधा चंद्रा ने बहादुरगंज स्थित केंद्र का उद्घाटन करते हुए बताया कि जिले की करीब 700 जीविका दीदियों को चरणबद्ध तरीके से यह प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक बैच में 25 प्रतिभागियों को शामिल किया जा रहा है। प्रशिक्षित दीदियों को आगामी समय में समेकित बाल विकास परियोजना के आंगनबाड़ी केंद्रों और विभिन्न आवासीय विद्यालयों (अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक) के बच्चों के लिए पोशाक तैयार करने का कार्य मिलेगा।


इसके साथ ही, जल्द ही जिला स्तर पर कपड़ा सिलाई प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहां प्रशिक्षित महिलाएं सिलाई कार्य कर सकेंगी और स्थायी रोजगार अर्जित कर पाएंगी। यह पहल न केवल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में सहायक होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर पोशाक उत्पादन सुनिश्चित कर बच्चों को समय पर कपड़े उपलब्ध कराने में भी मददगार साबित होगी।
प्रखंड स्तर पर सिलाई कार्य में रुचि रखने वाली महिलाओं का चयन सामुदायिक संगठन के माध्यम से किया जा रहा है। किशनगंज में जीविका से जुड़े 20 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह और 1.30 लाख से अधिक महिलाएं विभिन्न रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों से लाभान्वित हो रही हैं।
उद्घाटन अवसर पर बीपीएम जीविका वरुण कुमार जयसवाल, प्रबंधक नॉन-फॉर्म डॉली, सामुदायिक संगठन की प्रमुख सदस्याएं और कई कैडर मौजूद रहे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया।