आज के दिन इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा जब 18 अगस्त को भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी, कूटनीतिज्ञ और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म हुआ था। उनके योगदान को याद करते हुए आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
विजयलक्ष्मी पंडित न केवल स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं, बल्कि आज़ादी के बाद भारत की पहली महिला राजदूत बनीं। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष भी रहीं — यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणास्रोत बनाती है।
नेहरू जी की बहन होने के बावजूद उन्होंने अपनी पहचान एक स्वतंत्र नेता और महिला अधिकारों की सशक्त आवाज़ के रूप में बनाई। उन्होंने जेल की सज़ा भी काटी और विदेशी मंचों पर भारत की आज़ादी की बात बेबाकी से रखी।
आज उनके जन्मदिवस पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां उनके विचारों और योगदान को याद किया जा रहा है। युवा पीढ़ी के लिए वे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
आज के दिन इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा जब 18 अगस्त को भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी, कूटनीतिज्ञ और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म हुआ था। उनके योगदान को याद करते हुए आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
विजयलक्ष्मी पंडित न केवल स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं, बल्कि आज़ादी के बाद भारत की पहली महिला राजदूत बनीं। वे संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष भी रहीं — यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणास्रोत बनाती है।
नेहरू जी की बहन होने के बावजूद उन्होंने अपनी पहचान एक स्वतंत्र नेता और महिला अधिकारों की सशक्त आवाज़ के रूप में बनाई। उन्होंने जेल की सज़ा भी काटी और विदेशी मंचों पर भारत की आज़ादी की बात बेबाकी से रखी।
आज उनके जन्मदिवस पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां उनके विचारों और योगदान को याद किया जा रहा है। युवा पीढ़ी के लिए वे आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
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