सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
“जिंदा होकर भी ‘मृतक’ की सूची में! किशनगंज की महिला की कहानी बनी चर्चा का विषय”
किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के छतरगाछ पंचायत में एक चौंकाने वाली गड़बड़ी ने प्रशासन की पोल खोल दी है। यहां साजेदा बेगम नामक महिला ने जब मतदाता सूची का प्रारूप देखा तो उनके होश उड़ गए। लिस्ट में उनके नाम के आगे ‘मृत’ लिखा हुआ था। जबकि सच्चाई यह है कि वे पूरी तरह स्वस्थ अपने घर रहमतपुर, वार्ड संख्या 06 में जीवन बिता रही हैं।
“मैं जिंदा हूं, फिर मुझे मृत क्यों बताया?”
खुद को मृत दिखाए जाने से नाराज़ साजेदा बेगम सीधे BDO ऑफिस पहुँच गईं। वहां उन्होंने वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज़ लहराते हुए अधिकारियों से सवाल किया—
“मैं सांस ले रही हूं, चल-फिर रही हूं, खुद आपके सामने खड़ी हूं, फिर सरकारी सूची में मुझे मृतक क्यों लिखा गया?”
मतदाता सूची में कैसे हुई चूक?
यह मामला उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या छतरगाछ के बूथ (भाग संख्या 157) से जुड़ा है। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के दौरान नामों की जांच में साजेदा बेगम को गलती से मृतक घोषित कर दिया गया और विलोपित नामों की सूची में डाल दिया गया।
गांव में चर्चा, परिवार में सदमा
इस गड़बड़ी की खबर जैसे ही गांव में फैली, लोगों के बीच हलचल मच गई। हर कोई यही पूछ रहा था कि जिंदा इंसान को आखिर कैसे मृत घोषित किया जा सकता है? खुद साजेदा बेगम का कहना है कि अगर नाम समय पर सही नहीं हुआ तो उनका मतदान का हक छिन जाएगा।
प्रशासन ने दी सफाई
प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. आसिफ ने मामले को स्वीकार करते हुए कहा कि अभी यह केवल प्रारूप सूची है। दावा-आपत्ति की प्रक्रिया जारी है और अंतिम प्रकाशन से पहले सभी त्रुटियां सुधार दी जाएंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि साजेदा बेगम का नाम भी सही कर दिया जाएगा।
बार-बार सामने आ रही गड़बड़ियां
यह कोई अकेला मामला नहीं है। जिले के कई इलाकों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं। विपक्ष ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए आरोप लगाया है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों के पीछे वोट कटवाने और अधिकार छीनने की साजिश है। इसी को लेकर विपक्षी दलों ने “वोटर अधिकार यात्रा” भी शुरू कर दी है।