राष्ट्रीय तिथि: 30 अगस्त 2025 हिंदू तिथि: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि — रात 10:47 बजे तक, उसके बाद अष्टमी तिथि वार: शनिवार विक्रम संवत: 2082 शक संवत: 1947 ऋतु: शरद ऋतु आयन: दक्षिणायन माह: भाद्रपद
नक्षत्र: विशाखा — दोपहर 2:37 बजे तक, उसके बाद अनुराधा योग: ऐन्द्र योग — दोपहर 3:09 बजे तक, उसके बाद वैधृति योग करण: गर — सुबह 9:35 बजे तक, उसके बाद वणिज, फिर विष्टि (भद्रा) आरंभ
सूर्योदय: सुबह 5:59 बजे सूर्यास्त: शाम 6:43 बजे चंद्रमा की स्थिति: वृश्चिक राशि सूर्य की स्थिति: सिंह राशि
राहुकाल (अशुभ समय): सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक गुलिक काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक यमगंड काल: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:57 से 12:45 बजे तक
दिशाशूल: आज पूर्व दिशा की यात्रा वर्जित भद्रा काल: शाम के बाद आरंभ, अशुभ कार्यों में प्रयोग वर्जित अमृत काल: प्रातःकालीन पूजा और शुभ कार्यों हेतु उपयुक्त
आज का व्रत / पर्व:
रवीपुत्र सप्तमी व्रत
जयंती तिथि (धार्मिक महत्त्व की)
दैनिक विशेष उपाय: आज शनिवार को शनि देव की कृपा पाने के लिए काले तिल का दान करें और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएँ।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
राष्ट्रीय तिथि: 30 अगस्त 2025 हिंदू तिथि: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि — रात 10:47 बजे तक, उसके बाद अष्टमी तिथि वार: शनिवार विक्रम संवत: 2082 शक संवत: 1947 ऋतु: शरद ऋतु आयन: दक्षिणायन माह: भाद्रपद
नक्षत्र: विशाखा — दोपहर 2:37 बजे तक, उसके बाद अनुराधा योग: ऐन्द्र योग — दोपहर 3:09 बजे तक, उसके बाद वैधृति योग करण: गर — सुबह 9:35 बजे तक, उसके बाद वणिज, फिर विष्टि (भद्रा) आरंभ
सूर्योदय: सुबह 5:59 बजे सूर्यास्त: शाम 6:43 बजे चंद्रमा की स्थिति: वृश्चिक राशि सूर्य की स्थिति: सिंह राशि
राहुकाल (अशुभ समय): सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक गुलिक काल: सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक यमगंड काल: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:57 से 12:45 बजे तक
दिशाशूल: आज पूर्व दिशा की यात्रा वर्जित भद्रा काल: शाम के बाद आरंभ, अशुभ कार्यों में प्रयोग वर्जित अमृत काल: प्रातःकालीन पूजा और शुभ कार्यों हेतु उपयुक्त
आज का व्रत / पर्व:
रवीपुत्र सप्तमी व्रत
जयंती तिथि (धार्मिक महत्त्व की)
दैनिक विशेष उपाय: आज शनिवार को शनि देव की कृपा पाने के लिए काले तिल का दान करें और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएँ।
Leave a Reply