SCO Summit 2025: PM मोदी और शी जिनपिंग की अहम मुलाकात, आपसी विश्वास और संवेदनशीलता पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर हालिया तनाव घटने और शांतिपूर्ण माहौल बनने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर सीमा प्रबंधन को लेकर सहमति बनी है, जिससे स्थिरता का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया गया है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा, “भारत और चीन के 2.8 अरब लोगों के हित हमारी साझेदारी से जुड़े हैं, और यह पूरी मानवता के कल्याण की दिशा में भी अहम योगदान देगा।”
प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग को SCO की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कज़ान में हुई वार्ता ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा दी थी, और आज की बैठक उस प्रगति को आगे बढ़ाने का अवसर है।
SCO सम्मेलन में दुनिया की निगाहें
SCO शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं। सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मजबूत करने जैसे मुद्दे एजेंडे में हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर जापारोव, आर्मेनिया के प्रधानमंत्री पाशिनयान और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह समेत कई शीर्ष नेता इस समिट में मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा सात साल बाद हो रहा है। वे इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। भारत-चीन रिश्तों में हाल के वर्षों की तनातनी के बीच यह यात्रा संबंध सुधारने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
SCO Summit 2025: PM मोदी और शी जिनपिंग की अहम मुलाकात, आपसी विश्वास और संवेदनशीलता पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर हालिया तनाव घटने और शांतिपूर्ण माहौल बनने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों के स्तर पर सीमा प्रबंधन को लेकर सहमति बनी है, जिससे स्थिरता का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू किया गया है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा, “भारत और चीन के 2.8 अरब लोगों के हित हमारी साझेदारी से जुड़े हैं, और यह पूरी मानवता के कल्याण की दिशा में भी अहम योगदान देगा।”
प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग को SCO की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कज़ान में हुई वार्ता ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा दी थी, और आज की बैठक उस प्रगति को आगे बढ़ाने का अवसर है।
SCO सम्मेलन में दुनिया की निगाहें
SCO शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं। सुरक्षा, बहुपक्षीय सहयोग और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मजबूत करने जैसे मुद्दे एजेंडे में हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर जापारोव, आर्मेनिया के प्रधानमंत्री पाशिनयान और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह समेत कई शीर्ष नेता इस समिट में मौजूद हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा सात साल बाद हो रहा है। वे इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। भारत-चीन रिश्तों में हाल के वर्षों की तनातनी के बीच यह यात्रा संबंध सुधारने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
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