जिला मुख्यालय स्थित प्लस टू आजाद एकेडमी में महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “मिशन शक्ति” योजना के अंतर्गत संकल्प: हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन के द्वारा आयोजित किया गया, जिसका मुख्य विषय “जेंडर संवेदीकरण” रहा।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। साथ ही, कार्यस्थल पर सुरक्षित और सहज माहौल के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
जागरूकता अभियान में सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की गई। इनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, माहवारी स्वच्छता, बाल विवाह निषेध, पीसीपीएनडीटी अधिनियम, दहेज निषेध कानून, लैंगिक भेदभाव की रोकथाम, पॉक्सो एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181, साइबर अपराध के लिए 1930, इमरजेंसी नंबर 112, और वन स्टॉप सेंटर जैसी सेवाएं शामिल रहीं।
कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
जिला मुख्यालय स्थित प्लस टू आजाद एकेडमी में महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम “मिशन शक्ति” योजना के अंतर्गत संकल्प: हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन के द्वारा आयोजित किया गया, जिसका मुख्य विषय “जेंडर संवेदीकरण” रहा।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए भ्रूण हत्या, दहेज़ प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। साथ ही, कार्यस्थल पर सुरक्षित और सहज माहौल के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
जागरूकता अभियान में सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की गई। इनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, माहवारी स्वच्छता, बाल विवाह निषेध, पीसीपीएनडीटी अधिनियम, दहेज निषेध कानून, लैंगिक भेदभाव की रोकथाम, पॉक्सो एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181, साइबर अपराध के लिए 1930, इमरजेंसी नंबर 112, और वन स्टॉप सेंटर जैसी सेवाएं शामिल रहीं।
कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
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