अररिया जिले के पकडेरा चौक पर शुक्रवार को पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से एक साइबर अपराधी को धर दबोचा गया। गिरफ्तार युवक की पहचान कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के सिझुआ वार्ड संख्या-12 निवासी मोहन कुमार मिश्र के रूप में हुई है।
पुलिस ने उसके पास से 89,075 रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, एक पैन कार्ड और एक मोटरसाइकिल जब्त की।
कैसे हुआ पर्दाफाश
साइबर थाना अध्यक्ष सह डीएसपी रजिया सुल्ताना ने बताया कि मोहन कुमार पगडेरा चौक स्थित एक सीएसपी सेंटर से रकम निकालने आया था। उसी दौरान सीएसपी संचालक को शक हुआ और स्थानीय लोगों की मदद से उसे पकड़ लिया गया। बाद में उसे सोनामनी गोदाम थाना पुलिस को सौंप दिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह साइबर फ्रॉड गिरोह के लिए काम करता है। ठगी से प्राप्त रकम को वह सीएसपी खातों में डलवाकर नगद निकासी करता था और बदले में चार प्रतिशत कमीशन पाता था।
गिरोह में और कौन शामिल?
डीएसपी ने बताया कि इस अवैध धंधे में कुर्साकांटा कमलदाहा निवासी साकिब भी शामिल है। आरोपी ने बताया कि साकिब के खातों में ठगी की रकम भेजी जाती थी और बाद में निकासी कर कमीशन पर वापस दी जाती थी।
करीब तीन दिन पहले भी साकिब के मोबाइल का इस्तेमाल कर पकडेरा चौक स्थित एक सीएसपी संचालक के खाते से अवैध निकासी की गई थी, जिसके कारण उस खाते को होल्ड कर दिया गया। जब मोहन कुमार दोबारा रकम निकालने पहुँचा, तब उसे पकड़ लिया गया जबकि उसका साथी साकिब मौके से भाग निकला।
पुलिस की कार्रवाई
डीएसपी ने बताया कि इस मामले में आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत सोनामनी गोदाम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही यह भी सामने आया है कि मोहन कुमार मिश्र के खिलाफ पहले से ही कुर्साकांटा थाना में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं।
फरार आरोपी साकिब की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले के पकडेरा चौक पर शुक्रवार को पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से एक साइबर अपराधी को धर दबोचा गया। गिरफ्तार युवक की पहचान कुर्साकांटा थाना क्षेत्र के सिझुआ वार्ड संख्या-12 निवासी मोहन कुमार मिश्र के रूप में हुई है।
पुलिस ने उसके पास से 89,075 रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, एक पैन कार्ड और एक मोटरसाइकिल जब्त की।
कैसे हुआ पर्दाफाश
साइबर थाना अध्यक्ष सह डीएसपी रजिया सुल्ताना ने बताया कि मोहन कुमार पगडेरा चौक स्थित एक सीएसपी सेंटर से रकम निकालने आया था। उसी दौरान सीएसपी संचालक को शक हुआ और स्थानीय लोगों की मदद से उसे पकड़ लिया गया। बाद में उसे सोनामनी गोदाम थाना पुलिस को सौंप दिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह साइबर फ्रॉड गिरोह के लिए काम करता है। ठगी से प्राप्त रकम को वह सीएसपी खातों में डलवाकर नगद निकासी करता था और बदले में चार प्रतिशत कमीशन पाता था।
गिरोह में और कौन शामिल?
डीएसपी ने बताया कि इस अवैध धंधे में कुर्साकांटा कमलदाहा निवासी साकिब भी शामिल है। आरोपी ने बताया कि साकिब के खातों में ठगी की रकम भेजी जाती थी और बाद में निकासी कर कमीशन पर वापस दी जाती थी।
करीब तीन दिन पहले भी साकिब के मोबाइल का इस्तेमाल कर पकडेरा चौक स्थित एक सीएसपी संचालक के खाते से अवैध निकासी की गई थी, जिसके कारण उस खाते को होल्ड कर दिया गया। जब मोहन कुमार दोबारा रकम निकालने पहुँचा, तब उसे पकड़ लिया गया जबकि उसका साथी साकिब मौके से भाग निकला।
पुलिस की कार्रवाई
डीएसपी ने बताया कि इस मामले में आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत सोनामनी गोदाम थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही यह भी सामने आया है कि मोहन कुमार मिश्र के खिलाफ पहले से ही कुर्साकांटा थाना में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं।
फरार आरोपी साकिब की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
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