सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तेज़ी से बदलते डिजिटल दौर में जहाँ अंग्रेज़ी का दबदबा लगातार बढ़ रहा है, वहीं हिंदी आज भी भारत की सबसे ज़्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा बनी हुई है। हिंदी दिवस 2025 के मौके पर विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीकी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया ने हिंदी को नई ऊर्जा और वैश्विक पहचान दी है।
आज फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर हिंदी कंटेंट न केवल सबसे आगे है, बल्कि युवाओं के बीच संवाद का अहम माध्यम भी बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टेक्नोलॉजी के ज़रिए हिंदी की ताकत और भी मज़बूत होगी।
हिंदी दिवस पर यह संदेश भी दिया गया कि हिंदी को सिर्फ संवाद की भाषा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और संस्कृति की पहचान मानकर इसे हर क्षेत्र में और सशक्त किया जाना चाहिए।