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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ: बच्चों के स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

1 से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक दवा दी जाएगी

छूटे हुए बच्चों के लिए मॉप-अप राउंड भी आयोजित किया जाएगा

बच्चों के समग्र स्वास्थ्य और विकास को ध्यान में रखते हुए किशनगंज जिले में आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का भव्य शुभारंभ जिला पदाधिकारी विशाल राज के कर-कमलों द्वारा बालिका उच्च विद्यालय किशनगंज में किया गया। इस अभियान का उद्देश्य है कि जिले के सभी 1 से 19 वर्ष तक के बच्चे और किशोर कृमि संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हों।

कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ते हैं, जैसे कि खून की कमी, पेट में दर्द, भूख का कम होना, शारीरिक व मानसिक विकास में रुकावट, और पढ़ाई में मन न लगना। यह अभियान सुनिश्चित करता है कि किसी भी बच्चे को दवा का लाभ न छूटे और वे स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।

बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता: जिलाधिकारी विशाल राज

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने उद्घाटन समारोह में कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य ही समाज की मजबूत नींव होती है। यदि बचपन से ही उन्हें रोगों से सुरक्षित रखा जाए तो यह समृद्ध और सकुशल समाज की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। जिले के लाखों बच्चों के लिए विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों में कृमिनाशक दवा की व्यवस्था पूरी की गई है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को दवा अवश्य पिलाएं।

लक्ष्य और तैयारी: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में लगभग 6 लाख बच्चों को इस बार कृमिनाशक दवा देने का लक्ष्य रखा गया है। दवा वितरण की जिम्मेदारी शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं को दी गई है। सभी को प्रशिक्षण देकर दवा सुरक्षित रूप से देने की प्रक्रिया समझाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है, इसलिए दवा का सेवन अनिवार्य है।

मॉप-अप राउंड: जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि यदि किसी कारणवश आज के दिन बच्चे दवा से वंचित रह जाते हैं, तो 17 से 20 सितंबर के बीच मॉप-अप अभियान द्वारा उन्हें दवा उपलब्ध कराई जाएगी। हर बच्चे का नाम दर्ज कर ट्रैकिंग की जा रही है ताकि दवा से कोई वंचित न रहे।

जागरूकता से बनेगा स्वस्थ समाज

डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि यह अभियान केवल दवा वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि जन-जागरूकता फैलाने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है। अभिभावकों को न केवल अपने बच्चों को दवा देनी है, बल्कि आसपास के परिवारों को भी इसके महत्व के प्रति सचेत करना है। स्कूलों व आंगनबाड़ियों में शिक्षकों द्वारा बच्चों को समझाया गया है कि यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति की टीम, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कर्मियों एवं अभिभावकों ने मिलकर इसके सफल निष्पादन का संकल्प लिया।


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