अररिया जिले में एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरएस थाना क्षेत्र अंतर्गत धामा पंचायत के मटियारी वार्ड संख्या 1 में, नशा करने से मना करने पर नशे के आदी युवकों (स्थानीय रूप से जिन्हें “स्मैकर” कहा जाता है) ने तेजाब से हमला कर दिया। इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इलाके में कुछ युवक स्मैक जैसे घातक नशे के आदी हैं और सार्वजनिक स्थानों पर इसका सेवन करते हैं। ग्रामीणों ने इस नशेड़ी प्रवृत्ति का विरोध किया और युवकों को समझाने का प्रयास किया कि वे यह घातक आदत छोड़ दें। लेकिन इसके परिणामस्वरूप, नाराज़ होकर उन युवकों ने देर रात ग्रामीणों पर तेजाब फेंक दिया।
घटना के बाद तनावपूर्ण माहौल
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत और तनाव का माहौल बना हुआ है। घायल व्यक्तियों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और मामले की जांच जारी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इलाके में लंबे समय से नशा कारोबार फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या कहना है प्रशासन का?
अररिया के एसपी ने मीडिया से बातचीत में कहा: “घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस टीम गठित कर दी गई है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही, नशा कारोबार के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा।”
नशा मुक्त समाज की ज़रूरत
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि नशा सिर्फ व्यक्ति नहीं, पूरे समाज को बीमार कर देता है। अब ज़रूरत है ठोस कार्रवाई की, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
अररिया जिले में एक सनसनीखेज और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरएस थाना क्षेत्र अंतर्गत धामा पंचायत के मटियारी वार्ड संख्या 1 में, नशा करने से मना करने पर नशे के आदी युवकों (स्थानीय रूप से जिन्हें “स्मैकर” कहा जाता है) ने तेजाब से हमला कर दिया। इस हमले में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इलाके में कुछ युवक स्मैक जैसे घातक नशे के आदी हैं और सार्वजनिक स्थानों पर इसका सेवन करते हैं। ग्रामीणों ने इस नशेड़ी प्रवृत्ति का विरोध किया और युवकों को समझाने का प्रयास किया कि वे यह घातक आदत छोड़ दें। लेकिन इसके परिणामस्वरूप, नाराज़ होकर उन युवकों ने देर रात ग्रामीणों पर तेजाब फेंक दिया।
घटना के बाद तनावपूर्ण माहौल
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत और तनाव का माहौल बना हुआ है। घायल व्यक्तियों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और मामले की जांच जारी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इलाके में लंबे समय से नशा कारोबार फल-फूल रहा है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या कहना है प्रशासन का?
अररिया के एसपी ने मीडिया से बातचीत में कहा: “घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस टीम गठित कर दी गई है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही, नशा कारोबार के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा।”
नशा मुक्त समाज की ज़रूरत
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि नशा सिर्फ व्यक्ति नहीं, पूरे समाज को बीमार कर देता है। अब ज़रूरत है ठोस कार्रवाई की, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
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