सोमवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। परंपरा के अनुसार भक्त नौ दिनों तक व्रत रखकर माता रानी की आराधना करते हैं। श्रद्धा और भक्ति से किए गए उपवास का महत्व तो है ही, लेकिन स्वास्थ्य की अनदेखी करना खतरनाक साबित हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि उपवास रखने से पहले अपनी सेहत की स्थिति को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है।
डॉ. प्रदीप कुमार बताते हैं कि उपवास रखना पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यदि आप मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) या गैस्ट्रिक जैसी समस्या से जूझ रहे हैं और रोज़ाना दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं, तो बेहतर है उपवास न रखें। दवा अचानक छोड़ देने से शरीर पर गंभीर असर पड़ सकता है।
किन लोगों को उपवास से बचना चाहिए?
अनियंत्रित डायबिटीज वाले रोगी
उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) और गैस्ट्रिक के मरीज
रोज़ाना नियमित दवा लेने वाले लोग
डॉक्टरों का कहना है कि यदि आपकी बीमारी नियंत्रित है और चिकित्सक उपवास की अनुमति देते हैं तो ही उपवास करें। साथ ही, दवा की खुराक में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
उपवास में किन बातों का रखें ध्यान?
पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, ताकि शरीर डिहाइड्रेशन से बचे।
छोटे-छोटे अंतराल पर फल, बादाम, अखरोट और मखाना खाते रहें।
फलाहार करने वाले लोग फलों का जूस समय-समय पर लेते रहें।
पूरे दिन बिल्कुल भूखे रहने से बचें, क्योंकि इससे लो शुगर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
लो शुगर के लक्षण
पसीना आना, घबराहट, हाथ-पाँव कांपना और कमजोरी महसूस होना लो शुगर की पहचान है। ऐसी स्थिति में तुरंत शहद, ग्लूकोज या मीठा सेवन करें।
डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि उपवास का मकसद आत्मिक शांति और भक्ति है, इसलिए इसे स्वास्थ्य के साथ संतुलन बनाकर निभाना चाहिए।
सारस न्यूज़, अररिया।
सोमवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। परंपरा के अनुसार भक्त नौ दिनों तक व्रत रखकर माता रानी की आराधना करते हैं। श्रद्धा और भक्ति से किए गए उपवास का महत्व तो है ही, लेकिन स्वास्थ्य की अनदेखी करना खतरनाक साबित हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि उपवास रखने से पहले अपनी सेहत की स्थिति को ध्यान में रखना बेहद ज़रूरी है।
डॉ. प्रदीप कुमार बताते हैं कि उपवास रखना पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन यदि आप मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) या गैस्ट्रिक जैसी समस्या से जूझ रहे हैं और रोज़ाना दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं, तो बेहतर है उपवास न रखें। दवा अचानक छोड़ देने से शरीर पर गंभीर असर पड़ सकता है।
किन लोगों को उपवास से बचना चाहिए?
अनियंत्रित डायबिटीज वाले रोगी
उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) और गैस्ट्रिक के मरीज
रोज़ाना नियमित दवा लेने वाले लोग
डॉक्टरों का कहना है कि यदि आपकी बीमारी नियंत्रित है और चिकित्सक उपवास की अनुमति देते हैं तो ही उपवास करें। साथ ही, दवा की खुराक में बदलाव की जरूरत पड़ सकती है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
उपवास में किन बातों का रखें ध्यान?
पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, ताकि शरीर डिहाइड्रेशन से बचे।
छोटे-छोटे अंतराल पर फल, बादाम, अखरोट और मखाना खाते रहें।
फलाहार करने वाले लोग फलों का जूस समय-समय पर लेते रहें।
पूरे दिन बिल्कुल भूखे रहने से बचें, क्योंकि इससे लो शुगर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
लो शुगर के लक्षण
पसीना आना, घबराहट, हाथ-पाँव कांपना और कमजोरी महसूस होना लो शुगर की पहचान है। ऐसी स्थिति में तुरंत शहद, ग्लूकोज या मीठा सेवन करें।
डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि उपवास का मकसद आत्मिक शांति और भक्ति है, इसलिए इसे स्वास्थ्य के साथ संतुलन बनाकर निभाना चाहिए।
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