विवादित वीडियो के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने गंभीरता से मामले की जांच की और अररिया डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राजेश कुमार यादव को निलंबित कर दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा में कार्यरत किसी भी कर्मचारी से ऐसी गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ बयानबाजी की उम्मीद नहीं की जाती, खासकर जब वह एक शिक्षक हो, जो समाज में मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।
वहीं, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कई यूज़र्स ने इस बयान को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए कड़ी सजा की मांग की है। इस बीच, जिला प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सोशल मीडिया पर सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयानों का असर कितना गहरा हो सकता है, और उन्हें अपने शब्दों की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं, और उनके द्वारा दिया गया कोई भी बयान छात्र-छात्राओं और आम जनता को प्रभावित कर सकता है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
विवादित वीडियो के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने गंभीरता से मामले की जांच की और अररिया डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राजेश कुमार यादव को निलंबित कर दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा में कार्यरत किसी भी कर्मचारी से ऐसी गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ बयानबाजी की उम्मीद नहीं की जाती, खासकर जब वह एक शिक्षक हो, जो समाज में मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है।
वहीं, सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। कई यूज़र्स ने इस बयान को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए कड़ी सजा की मांग की है। इस बीच, जिला प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सोशल मीडिया पर सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयानों का असर कितना गहरा हो सकता है, और उन्हें अपने शब्दों की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। शिक्षक समाज के स्तंभ होते हैं, और उनके द्वारा दिया गया कोई भी बयान छात्र-छात्राओं और आम जनता को प्रभावित कर सकता है।
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