बिहार में मानसून की बारिश ने जहां आम जनजीवन को गर्मी से राहत दी है, वहीं राज्य का सियासी तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। नवरात्र के पावन अवसर पर एक ओर देवी दुर्गा की आराधना जारी है, तो दूसरी ओर बिहार की राजनीति में भी आराधनाओं की तरह जोर-शोर से रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही गठबंधन अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गए हैं। बड़े नेताओं के दौरों और बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है।
इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार का दो दिवसीय दौरा काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह शुक्रवार को बेतिया में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक बड़े सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके बाद पटना में भाजपा के प्रदेश नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे, जिसमें चुनावी तैयारियों और सीट बंटवारे जैसे अहम मुद्दों पर मंथन होने की संभावना है।
शनिवार को, उनका कार्यक्रम समस्तीपुर जिले के सरायरंजन और अररिया जिले के फारबिसगंज में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलनों को संबोधित करने का है। इन आयोजनों के ज़रिए भाजपा न सिर्फ कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश कर रही है, बल्कि आगामी चुनाव के लिए जमीनी रणनीति को और मज़बूत करने पर भी फोकस है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह दौरा केवल संगठनात्मक बैठक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे बिहार की सियासी ज़मीन पर दूरगामी असर पड़ सकता है। दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच बयानबाज़ी तेज़ है और सियासी दांवपेंच चरम पर हैं। ऐसे में बिहार का यह ‘महासमर’ काफी दिलचस्प होने वाला है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार में मानसून की बारिश ने जहां आम जनजीवन को गर्मी से राहत दी है, वहीं राज्य का सियासी तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। नवरात्र के पावन अवसर पर एक ओर देवी दुर्गा की आराधना जारी है, तो दूसरी ओर बिहार की राजनीति में भी आराधनाओं की तरह जोर-शोर से रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही गठबंधन अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गए हैं। बड़े नेताओं के दौरों और बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है।
इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार का दो दिवसीय दौरा काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह शुक्रवार को बेतिया में भाजपा कार्यकर्ताओं के एक बड़े सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसके बाद पटना में भाजपा के प्रदेश नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे, जिसमें चुनावी तैयारियों और सीट बंटवारे जैसे अहम मुद्दों पर मंथन होने की संभावना है।
शनिवार को, उनका कार्यक्रम समस्तीपुर जिले के सरायरंजन और अररिया जिले के फारबिसगंज में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलनों को संबोधित करने का है। इन आयोजनों के ज़रिए भाजपा न सिर्फ कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश कर रही है, बल्कि आगामी चुनाव के लिए जमीनी रणनीति को और मज़बूत करने पर भी फोकस है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह दौरा केवल संगठनात्मक बैठक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे बिहार की सियासी ज़मीन पर दूरगामी असर पड़ सकता है। दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच बयानबाज़ी तेज़ है और सियासी दांवपेंच चरम पर हैं। ऐसे में बिहार का यह ‘महासमर’ काफी दिलचस्प होने वाला है।
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