आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को बेतिया में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को 50 दिनों का विशेष टास्क सौंपा।
शाह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले 50 दिनों तक पार्टी कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जनसंपर्क अभियान तेज करें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में जाएं, पुजारियों का सम्मान करें, जीविका दीदियों से संवाद स्थापित करें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संपर्क करें।
अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को दीपावली से पहले उन परिवारों तक पहुंचने को कहा जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “हर लाभार्थी हमारा ब्रांड एंबेसडर है, हमें उनके अनुभव सुनने और साझा करने की जरूरत है।”
इस मिशन का उद्देश्य न सिर्फ पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत करना है, बल्कि आम जनता के बीच सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता को भी उजागर करना है। शाह के इस दिशा-निर्देश को आगामी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह इस बार चुनावी मैदान में पूरी तैयारी और दमखम के साथ उतरने वाली है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को बेतिया में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को 50 दिनों का विशेष टास्क सौंपा।
शाह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले 50 दिनों तक पार्टी कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जनसंपर्क अभियान तेज करें। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में जाएं, पुजारियों का सम्मान करें, जीविका दीदियों से संवाद स्थापित करें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से सीधा संपर्क करें।
अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को दीपावली से पहले उन परिवारों तक पहुंचने को कहा जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “हर लाभार्थी हमारा ब्रांड एंबेसडर है, हमें उनके अनुभव सुनने और साझा करने की जरूरत है।”
इस मिशन का उद्देश्य न सिर्फ पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत करना है, बल्कि आम जनता के बीच सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता को भी उजागर करना है। शाह के इस दिशा-निर्देश को आगामी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह इस बार चुनावी मैदान में पूरी तैयारी और दमखम के साथ उतरने वाली है।
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