सारस न्यूज़, किशनगंज।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का दूसरा चरण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक और अहम कदम साबित हुआ है। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यभर की महिलाओं के बैंक खातों में योजना की राशि अंतरित की। इस मौके पर सम्राट अशोक भवन, किशनगंज में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में महिलाओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सहभागिता की।जिला पदाधिकारी विशाल राज ने बताया कि योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार की ओर प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि पूँजी की उपलब्धता से महिलाएँ पशुपालन, सूक्ष्म उद्योग और अन्य क्षेत्रों में अपनी रुचि के अनुसार रोजगार स्थापित कर सकती हैं। डीएम ने महिलाओं से अपील की कि वे इस राशि का उपयोग केवल अपने रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में करें।


इस अवसर पर उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता और जीविका की डीपीएम अनुराधा चंद्रा भी मौजूद रहीं। अनुराधा चंद्रा ने जानकारी दी कि प्रथम चरण में मिली राशि का उपयोग कर कई महिलाओं ने स्वरोजगार शुरू कर दिया है। सदर प्रखंड की चकला पंचायत की मीणा मुर्मू ने 10 हजार की राशि से मछली पालन का कार्य आरंभ किया है और अब वे आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। इसी तरह जिले की अन्य महिलाओं ने भी इस योजना से लाभ उठाते हुए अपने-अपने रोजगार की नींव रखी है।किशनगंज जिले में अब तक दो लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक लाख नब्बे हजार से अधिक की ऑनलाइन प्रविष्टि पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि प्रत्येक परिवार की एक महिला सदस्य को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है और शुरुआती तौर पर दस हजार रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है।योजना का प्रचार-प्रसार गाँव–गाँव और पंचायत स्तर पर किया जा रहा है। जीविका समूहों और सामुदायिक संगठनों के माध्यम से विशेष बैठकों का आयोजन कर महिलाओं को इसके महत्व से अवगत कराया जा रहा है। जिले के सभी सात प्रखंडों, बत्तीस संकुल संघों और चौदह सौ से अधिक ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें एक लाख से अधिक महिलाएँ डिजिटल माध्यमों से जुड़ीं।जिला प्रशासन का मानना है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं की आजीविका, आत्मसम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।