सारस न्यूज़, किशनगंज।
महिलाओं का स्वास्थ्य केवल उनकी व्यक्तिगत भलाई तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे परिवार और समाज की मजबूती का आधार है। हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ और कैंसर जैसी कई गंभीर गैर-संचारी बीमारियाँ समय पर पहचान न होने के कारण खतरनाक रूप ले लेती हैं। इसी चुनौती से निपटने के लिए बिहार सरकार ने “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को समय पर जांच व परामर्श से जोड़ना है।अभियान की उपलब्धियाँ2 अक्टूबर तक चले इस विशेष कार्यक्रम में किशनगंज जिले में 2555 स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुए। सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि इन शिविरों में कुल 1,50,908 लोगों की स्क्रीनिंग हुई, जिनमें 52,516 पुरुष और 98,382 महिलाएँ शामिल थीं।हाइपरटेंशन जांच – 50,008 लोगडायबिटीज़ जांच – 47,626 लोगकैंसर स्क्रीनिंग (ब्रेस्ट, ओरल, सर्वाइकल) – 18,738 लोगगर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच – 12,415एनीमिया जांच – 26,956 महिलाएँबच्चों का टीकाकरण – 25,441टीबी जांच – 1,533 लोगआयुष्मान कार्ड निर्माण – 3,224इन आँकड़ों से साफ है कि महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में काफी अधिक रही, जो जिले में स्वास्थ्य जागरूकता की सकारात्मक दिशा को दर्शाता है।



प्रशासन का संदेशजिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि यह सिद्ध हो गया है कि प्रशासन और आमजन मिलकर किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। महिलाओं का बेहतर स्वास्थ्य पूरे परिवार के भविष्य की नींव है। हर परिवार को अपनी माताओं, बहनों और बेटियों को स्वास्थ्य जांच और इलाज के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है जिसे आगे बढ़ाना हम सब की जिम्मेदारी है।जागरूकता और रोकथामगैर–संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि इस अभियान की बदौलत हजारों महिलाएँ समय रहते जांच और परामर्श से जुड़ीं। यह प्रमाण है कि महिलाएँ अब अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही हैं। लक्ष्य यह है कि कोई भी महिला या किशोरी इन जांच सुविधाओं से वंचित न रह जाए। “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” अभियान ने साबित किया है कि समय पर स्वास्थ्य जांच न सिर्फ बीमारियों की रोकथाम का माध्यम है, बल्कि जीवन की सुरक्षा और भविष्य की गारंटी भी है।