किशनगंज शहर के लाइन स्थित बुढ़ी काली मंदिर में मां काली की पूजा-अर्चना बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ की गई। इस दौरान आसपास के इलाकों से लेकर दूर-दराज तक के लोग बुढ़ी काली मंदिर पहुंचकर मां काली की पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए मनोकामना की।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
बुढ़ी काली मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बुढ़ी काली मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नते पूरी होती है।
मंदिर की आस्था और महत्ता
बुढ़ी काली मंदिर पूजा समिति के सचिव शुभजीत शेखर ने बताया कि इस मंदिर की आस्था इतनी है कि यहां पर श्रद्धालु पहुंचकर दान देने से कभी पीछे नहीं हटते। उन्होंने बताया कि मां काली की प्रतिमा की बुकिंग 2054 तक हो चुकी है, जो इस मंदिर की लोकप्रियता और आस्था का प्रतीक है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के लाइन स्थित बुढ़ी काली मंदिर में मां काली की पूजा-अर्चना बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ की गई। इस दौरान आसपास के इलाकों से लेकर दूर-दराज तक के लोग बुढ़ी काली मंदिर पहुंचकर मां काली की पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए मनोकामना की।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
बुढ़ी काली मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बुढ़ी काली मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, उनकी मन्नते पूरी होती है।
मंदिर की आस्था और महत्ता
बुढ़ी काली मंदिर पूजा समिति के सचिव शुभजीत शेखर ने बताया कि इस मंदिर की आस्था इतनी है कि यहां पर श्रद्धालु पहुंचकर दान देने से कभी पीछे नहीं हटते। उन्होंने बताया कि मां काली की प्रतिमा की बुकिंग 2054 तक हो चुकी है, जो इस मंदिर की लोकप्रियता और आस्था का प्रतीक है।
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