भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास — रोहित शर्मा की आंखें हुईं नम, पूरे देश में जश्न की लहर
सारस न्यूज़, किशनगंज।
नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम की जगमगाती रोशनी के बीच हरमनप्रीत कौर ने जब आखिरी कैच अपने सिर के ऊपर लपका, तो मैदान में दौड़ती उनकी साथी खिलाड़ी खुशी और यकीन के आँसुओं में डूब गईं। यह सिर्फ एक जीत नहीं थी — यह भारतीय महिला क्रिकेट के सुनहरे युग की शुरुआत थी।
2 नवंबर 2025 (रविवार) की वह ऐतिहासिक रात हमेशा याद रखी जाएगी, जब भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार आईसीसी महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम किया।

भारत की पारी
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरुआत शानदार रही। शफाली वर्मा ने 87 रन की दमदार पारी खेली, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58 रनों का योगदान दिया। स्मृति मंधाना (45) और रिचा घोष (34) ने भी उपयोगी पारियाँ खेलीं। एक समय ऐसा लग रहा था कि भारत 350 के पार पहुंच जाएगा, लेकिन कुछ तेज विकेट गिरने से टीम 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन बना सकी।
गिरे हुए विकेट: 1-104, 2-166, 3-171, 4-223, 5-245, 6-292, 7-298
भारतीय बल्लेबाजी:
स्मृति मंधाना — 45 (च्लोए ट्रायन की गेंद पर कैच)
शफाली वर्मा — 87 (अयाबोंगा खाका की गेंद पर कैच)
जेमिमा रॉड्रिग्स — 24 (अयाबोंगा खाका की गेंद पर आउट)
हरमनप्रीत कौर — 20 (नोनकुलुलेको म्लाबा द्वारा बोल्ड)
दीप्ति शर्मा — 58 (रन आउट)
अमनजोत कौर — 12 (कैच और बॉल — नादीन डे क्लर्क)
रिचा घोष — 34 (अयाबोंगा खाका द्वारा आउट)
एक्स्ट्रा: 15 (लेग बाय 2, वाइड 12, नो बॉल 1)
कुल स्कोर: 298/7 (50 ओवर)

दक्षिण अफ्रीका की पारी
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम की शुरुआत खराब रही, हालांकि कप्तान लौरा वूल्वार्ड्ट ने शानदार 101 रन बनाकर संघर्ष किया। लेकिन टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर ऑल आउट हो गई।
भारतीय गेंदबाजी:
दीप्ति शर्मा — 5 विकेट, 39 रन
यह दीप्ति का ऑलराउंड प्रदर्शन था, जिसने भारत की जीत को यादगार बना दिया।
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज:
लौरा वूल्वार्ड्ट — 101
अन्य बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सकीं, और पूरी टीम बिखर गई।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी:
मरीज़ान कैप — 10 ओवर, 59 रन, 0 विकेट
अयाबोंगा खाका — 9 ओवर, 58 रन, 3 विकेट
नोनकुलुलेको म्लाबा — 10 ओवर, 47 रन, 1 विकेट
नादीन डे क्लर्क — 9 ओवर, 52 रन, 1 विकेट
सून लूस — 5 ओवर, 34 रन
च्लोए ट्रायन — 7 ओवर, 46 रन, 1 विकेट
ऐतिहासिक पल
जैसे ही हरमनप्रीत कौर ने आखिरी कैच पकड़ा, पूरा स्टेडियम “इंडिया! इंडिया!” के नारों से गूंज उठा। खिलाड़ियों की आँखों से आँसू बह निकले, और मैदान पर जश्न का माहौल बन गया।
यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं थी — यह उन सभी वर्षों के संघर्ष, मेहनत और विश्वास की जीत थी जो भारतीय महिला क्रिकेट ने झेले थे। 2005 और 2017 की हार के बाद आखिरकार 2025 में भारत ने महिला विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया।
लेकिन इस ऐतिहासिक पल के बीच जो दृश्य हर किसी के दिल को छू गया, वह था रोहित शर्मा का। भारत के मौजूदा आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 वनडे बल्लेबाज और पुरुष टीम के सफल कप्तान रोहित, स्टेडियम की दर्शक दीर्घा में खड़े होकर तालियां बजा रहे थे — आंखों में नमी के साथ।

रोहित, जिन्होंने भारत को 2024 के पुरुष विश्व कप और 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी में विजय दिलाई थी, इस मैच में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। कैमरों ने उन्हें बार-बार कैद किया — कभी मुस्कुराते हुए, कभी तनाव में, तो कभी जोश से भरे पलों में तालियां बजाते हुए। जब दीप्ति शर्मा ने आखिरी विकेट लेकर इतिहास रचा, तो रोहित खड़े होकर लंबे समय तक तालियां बजाते रहे। उनकी आंखों की चमक और भावनाएं यह बता रही थीं कि यह जीत सिर्फ महिला टीम की नहीं, बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट परिवार की जीत थी।
फैंस ने भी इस पल को दिल से महसूस किया। सोशल मीडिया पर संदेशों की बाढ़ आ गई — “रोहित जानते हैं इस जीत का मतलब क्या है” और “एक चैंपियन ने दूसरे चैंपियंस को सलाम किया” जैसे कमेंट्स हर जगह छा गए।
नवी मुंबई की रोशनी में जब रोहित शर्मा भावुक होकर महिला खिलाड़ियों को सम्मानपूर्वक तालियां बजा रहे थे, तो वह दृश्य भारतीय क्रिकेट की एकता, गर्व और गौरव का प्रतीक बन गया — जहां एक चैंपियन टीम दूसरे चैंपियनों के लिए झुकी, और पूरा देश सिर्फ एक बात कह रहा था —
“ये जीत भारत की है, हर भारतीय की है।” 🇮🇳


















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