तिथि कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि प्रातः तक मान्य रहेगी, इसके बाद एकादशी तिथि प्रारंभ होगी।
मास / संवत् विक्रम संवत् 2082 शक संवत् 1947 मास – कार्तिक पक्ष – कृष्ण पक्ष दिन – शुक्रवार
नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दिन में रहेगा, उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ होगा।
योग वैधृति योग प्रातः तक रहेगा, उसके बाद विशाखा योग प्रारंभ होगा।
करण वणिज करण प्रारंभिक समय में रहेगा, इसके बाद विष्टि करण लगेगा।
सूर्य एवं चन्द्र सूर्योदय – प्रातः लगभग 06:42 बजे सूर्यास्त – सायं लगभग 05:38 बजे चन्द्रमा – दिन के प्रथम भाग में सिंह राशि में गोचर करेगा, बाद में कन्या राशि में प्रवेश करेगा।
राहुकाल पूर्वान्ह 10:44 बजे से 12:05 बजे तक
गुलिक काल 08:03 बजे से 09:23 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त 11:43 बजे से 12:26 बजे तक
दुष्टमुहूर्त / अशुभ समय दिन में कुछ समय अशुभ माना जाता है, जिसमें नए कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए।
शुभ समय दोपहर का अभिजीत मुहूर्त नए कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम है। दैनिक कार्य सामान्य रूप से सुबह के समय कर सकते हैं।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
तिथि कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि प्रातः तक मान्य रहेगी, इसके बाद एकादशी तिथि प्रारंभ होगी।
मास / संवत् विक्रम संवत् 2082 शक संवत् 1947 मास – कार्तिक पक्ष – कृष्ण पक्ष दिन – शुक्रवार
नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दिन में रहेगा, उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ होगा।
योग वैधृति योग प्रातः तक रहेगा, उसके बाद विशाखा योग प्रारंभ होगा।
करण वणिज करण प्रारंभिक समय में रहेगा, इसके बाद विष्टि करण लगेगा।
सूर्य एवं चन्द्र सूर्योदय – प्रातः लगभग 06:42 बजे सूर्यास्त – सायं लगभग 05:38 बजे चन्द्रमा – दिन के प्रथम भाग में सिंह राशि में गोचर करेगा, बाद में कन्या राशि में प्रवेश करेगा।
राहुकाल पूर्वान्ह 10:44 बजे से 12:05 बजे तक
गुलिक काल 08:03 बजे से 09:23 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त 11:43 बजे से 12:26 बजे तक
दुष्टमुहूर्त / अशुभ समय दिन में कुछ समय अशुभ माना जाता है, जिसमें नए कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए।
शुभ समय दोपहर का अभिजीत मुहूर्त नए कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम है। दैनिक कार्य सामान्य रूप से सुबह के समय कर सकते हैं।
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