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अमित शाह ने जिस दंपति के घर किया था भोजन, आज बदल गई दिशा और दशा।

सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।

सिलीगुड़ी: आज से आठ साल पहले भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जिस घर में खाना खाए थे। आज इस घर की दिशा और दशा दोनों बदल गई है। यह कहानी दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी प्रखंड के दक्षिण कुटिया जोत इलाके की है। जहां अमित शाह ने दक्षिण कुटिया जोत निवासी आदिवासी महिला गीता महाली के घर भोजन किया था। आज वह घर की दिशा और दशा दोनों बदल गई है। तस्वीर के साथ घर की रौनक भी बदल गई है। इसे आप कुदरत का करिश्मा कहिए या राजनीतिक। लेकिन यह एक सच्ची कहानी है। बताया जाता है कि गृह मंत्री अमित शाह 25 अप्रैल 2017 में दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद रहे एस एस अहलूवालिया और नक्सलबाड़ी मंडल अध्यक्ष दिलीप बारोई के अगुवाई में नक्सलबाड़ी का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नक्सलबाड़ी के दक्षिण कुटिया जोत में राजू – गीता दंपति के घर पहुंचे। इस मौके पर राष्ट्रीय महामंत्री शिव प्रकाश और कैलाश विजयवर्गीय मौजूद थे। इसके बाद अमित शाह ने दंपति से बातचीत की और इसके बाद जमीन पर बैठा कर केले के पत्ते में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ,नक्सलबाड़ी मंडल अध्यक्ष दिलीप बारोई , बूथ अध्यक्ष दिगेन मंडल , पूर्व जिला अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल और पूर्व बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को भात, दाल,पापर, क्वास, बीम और बैगन को मिक्स कर बने सब्जी परोसा। इस दौरान अमित शाह को दोहपर का यह भोजन काफी पसंद आया था। उस समय इस दंपति की स्थिति बेहद खराब थी। इनका घर भी मिट्टी का था। राजू महाली रंग का काम किया करते थे जबकि उसकी पत्नी गीता महाली चाय श्रमिक थी। बताया गया है कि अमित शाह के दौरे के तुरंत बाद, राज्य मंत्री और तृणमूल नेता गौतम देब तुरंत नक्सलबाड़ी पहुंचे और दंपति से मुलाकात की।

इसके बाद उन्होंने दंपत्ति तृणमूल पार्टी में शामिल कराया और बाद में एक सरकारी योजना के तहत उन्हें घर के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की। तृणमूल ने यह सुनिश्चित किया कि राजू या उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी मिले। आखिरकार गीता महाली को साल 2020 के नवंबर महीने में नक्सलबाड़ी थाना में होमगार्ड की नौकरी भी दिलाई। शाह के आने बाद 15 दिन तक लापता थे दंपति :गीता महाली ने आगे जागरण से बातचीत में बताया कि अमित शाह उसके घर में भोजन किया। इसके बाद उसके घर तृणमूल समर्थकों का आना जाना शुरू हो गया। उसे तृणमूल में शामिल होने का जोर दिया जा रहा था। इसके कुछ दिनों बाद दंपति 15 दिन तक घर से लापता हो गई थी। गीता ने कहा तृणमूल सरकार ने हमें घर दिया और नौकरी भी दी। गीता ने यह भी कहा कि उसके घर में अमित शाह के भोजन के बाद ही हमारी घर मिट्टी से पक्के के घर और मुझे सरकारी नौकरी मिली। उन्होंने कहा ये सब अमित शाह के आने बाद ही ऐसा हुआ। उन्होंने कहा आज मेरी स्थिति 8 साल पहले के मुताबिक बहुत अच्छी है। आज मेरे घर में किसी भी चीज की कमी नहीं है और अपना खुशहाल जीवन जी रहे हैं। जबकि लोगों के अनुसार तृणमूल का यह कदम भाजपा को मात देने के लिए उठाया गया था, जो सफल साबित हुआ।



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