सारस न्यूज, किशनगंज।
मातृ स्वास्थ्य, पोषण एवं टीकाकरण कार्यक्रमों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिला पदाधिकारी विशाल राज ने शुक्रवार को कोचाधामन प्रखंड के पटकोई स्थित VHSND सत्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, लाभार्थियों की उपस्थिति, टीकाकरण की प्रगति और पोषण संदेशों की पहुंच का विस्तृत मूल्यांकन किया। निरीक्षण में सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भी उनके साथ थे।
गर्भवती महिलाओं से सीधे संवाद—एनीमिया जागरूकता पर विशेष जोर
निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने गर्भवती महिलाओं से स्वयं बातचीत कर जाना कि उन्हें पोषण, IFA गोलियों और एनीमिया के जोखिम के बारे में क्या जानकारी दी जा रही है।
सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में एनीमिया की व्यापकता को देखते हुए महिलाओं को हरी सब्ज़ियाँ, अंकुरित अनाज, गुड़ और पर्याप्त पानी पीने के महत्व के प्रति लगातार जागरूक किया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने कहा—
“स्वास्थ्य केंद्रों पर जो संदेश दिया जाता है, वही संदेश घर-घर तक पहुँचना चाहिए। यही हमारी प्राथमिकता है।”
VHSND की व्यवस्थाओं की गहन जांच—कागज़ी कार्यवाही पर नहीं चलेगा काम
जिला पदाधिकारी ने टीकाकरण रजिस्टर, ANC रिपोर्ट, लाभार्थियों की सूची, IFA वितरण और आवश्यक लॉजिस्टिक्स की बारीकी से जांच की।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि—
- सभी गर्भवती महिलाओं की जांच समय पर हो
- कोई भी बच्चा टीकाकरण से न छूटे
- पोषण परामर्श हर सत्र में गुणवत्तापूर्ण तरीके से दिया जाए
डीएम ने स्पष्ट कहा—
“VHSND ग्रामीण स्वास्थ्य की रीढ़ हैं। यहां किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
MR Mop-up Round की समीक्षा—छूटे बच्चों का तत्काल सत्यापन
निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने MR Mop-up Round की प्रगति पूछी और निर्देश दिया कि
हर गांव में घर-घर जाकर छूटे बच्चों का सत्यापन किया जाए।
ASHA और ANM को पुनः सर्वे कर यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि किसी भी बच्चे का टीकाकरण अधूरा न रहे।
सिविल सर्जन ने बताया कि आशा टॉक सत्रों के माध्यम से महिलाओं और माता-पिता को टीकाकरण और पोषण के महत्व पर लगातार जागरूक किया जा रहा है।
जिले की दो बड़ी प्राथमिकताएं—एनीमिया मुक्त किशनगंज और पूर्ण टीकाकरण वाला किशनगंज
निरीक्षण के बाद जिला पदाधिकारी ने कहा कि मातृ एनीमिया और अधूरा टीकाकरण दोनों ही जिले के लिए चुनौती हैं।
उन्होंने कहा—
“स्वस्थ मां के बिना स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। पोषण, जांच और टीकाकरण—तीनों को एक साथ मजबूत करना आवश्यक है।”
सिविल सर्जन ने भी प्रशासनिक निरीक्षण को स्वास्थ्य सेवाओं की गति बढ़ाने वाला कदम बताया।
