सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए फाइटर विमान के एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण 800 किमी/घंटा की सटीक नियंत्रित गति पर चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (RTRS) सुविधा में किया गया।
इस परीक्षण में एस्केप सिस्टम के महत्वपूर्ण पहलुओं — कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन सीक्वेंसिंग और एयरक्रू रिकवरी — को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया गया। ये सभी प्रक्रियाएँ उड़ान के दौरान किसी आपात स्थिति में पायलट की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी मानी जाती हैं।
अधिकारियों के अनुसार, यह हाई-स्पीड परीक्षण देश में स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए विकसित की जा रही सुरक्षा तकनीकों को और मजबूत करेगा। इससे भविष्य के कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए उन्नत इजेक्शन सिस्टम विकसित करने की दिशा में भारत की क्षमता में वृद्धि होगी।
इस सफलता के साथ, डीआरडीओ ने एक बार फिर रक्षा और एयरोस्पेस तकनीक के क्षेत्र में देश की ताकत और पायलट सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है।
